खालिस्तानियों पर लें कड़ा एक्‍शन, कनाडा समेत इन देशों को जयशंकर का सख्त संदेश; दूतावासों पर हमलों में ऐक्शन की बात

नई दिल्‍ली (New Dehli) भारतीय दूतावासों (Indian embassies)को निशाना बनाने वाले खालिस्तानियों (Khalistanis)को लेकर भारत ने फिर बयान (India again made a statement)जारी किया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Indian Foreign Minister S Jaishankar)ने सोमवार को कहाकि उन्हें उम्मीद है कि फॉरेन अथॉरिटीज ऐसी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेंगी। जयशंकर ने कहाकि खालिस्तानी एक्टिविस्ट्स के किसी दूतावास या वाणिज्य दूतावास पर बम फेंकने और मित्र देश के खिलाफ हिंसा और अलगाववाद की वकालत करने की कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत माफ नहीं किया जा सकता। हाल के महीनों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका की सरकारों से मांग की है कि वह उन खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लें जो उनके देश में भारतीय दूतावासों के बाहर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हिंसक प्रदर्शन और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास को जलाने की कोशिश शामिल है।

भारतीय विदेश मंत्री ने कहाकि अगर किसी देश में ऐसी हरकत होती है और इसकी जांच या ऐक्शन नहीं होता तो इसमें एक संदेश है। उन्होंने कहाकि मुझे नहीं लगता कि इनमें से किसी भी देश के लिए अपनी प्रतिष्ठा के लिए इस तरह का संदेश भेजना अच्छा है। उन्होंने कहाकि हम सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। हम लंदन में हमारे उच्चायोग में घुसने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। साथ ही हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं जो हमारे राजनयिकों को धमकी देते हैं। जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल राजनयिकों को डराने-धमकाने के लिए नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग है।

जयशंकर ने कहाकि लंदन स्थित उच्चायोग को वैसी सुरक्षा नहीं मिली जैसी भारत को उम्मीद थी, हालांकि उसके बाद से ब्रिटेन में चीजें सुधरी हैं। उन्होंने कहाकि हमने आज पाया कि कई देशों में ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में हमें अधिक मजबूत प्रतिक्रिया मिली है। अमेरिका में आगजनी हुई थी और मामले की जांच चल रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को कनाडा में वीजा जारी करना इसलिए निलंबित करना पड़ा क्योंकि हमारे राजनयिकों को बार-बार कई तरह से डराया और धमकाया गया। इसको लेकर वहां के सिस्टम ने बहुत ऐक्शन भी नहीं लिया।

गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल सितंबर में कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। भारत ने यह कदम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोपों के कुछ दिनों बाद उठाया था। हालांकि, कुछ सप्ताह बाद वीजा सेवाएं फिर से शुरू हो गई थीं। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

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