प्रदर्शन के दौरान क्‍यों छोड़े जाते हैं आंसू गैस के गोले, जानिए क्‍या है इसके प्रभाव ?

नई दिल्‍ली (New Delhi) । पंजाब (Punjab) के हजारों की संख्या में किसान (Farmer) दिल्ली कूच कर रहे हैं. शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस (tear gas) का इस्तेमाल कर रही है. यहां आंसू गैस के इस्तेमाल से कई पत्रकार भी घायल हो गए और पूरे प्रदर्शन स्थल पर धुआं-धुआं फैल गया. आइए इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि आखिर आंसू गैस क्या होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

आंसू गैस असल में क्या है और अगर आप इसकी चपेट में आते हैं तो क्या होता है. आंसू गैस का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए तो नहीं बल्कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए किया जाता है. आंसू गैस के कारण चुभन महसूस होती है और आंसू आने लगते हैं. इससे सांस लेने में समस्या होने लगती है. इससे खांसी हो सकती है और घुटन महसूस हो सकती है.

पहली बार कहां इस्तेमाल किया गया आंसू गैस?
आंसू गैस का इस्तेमाल पहली बार पहले विश्व युद्ध के दौरान किया गया था. देखा गया कि इसका लोगों पर ज्यादा कोई गंभीर असर नहीं पड़ता और भीड़ को हटाने के लिए कारगर है. सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में इसका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों, भीड़ और दंगाइयों पर करना शुरू कर दिया.

कैसे बनाया जाता है आंसू गैस?
अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) द्वारा आंसू गैस को राइट कंट्रोल एजेंट भी कहा जाता है. सीडीसी के मुताबिक, “आंसू गैस एक केमिकल कंपाउंड्स होते हैं जिसकी चपेट में आने से आंखों में जलन होती है और सांस की समस्या होने लगती है.

सीडीसी के मुताबिक, ‘आंसू गैस’ बनाने के लिए chloroacetophenone (CN) और chlorobenzylidenemalononitrile (CS)का इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा क्लोरोपिक्रिन (पीएस) का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसका इस्तेमाल फ्यूमिगेंट के रूप में भी किया जाता है. bromobenzylcyanide (सीए); dibenzoxazepine (सीआर) भी इस्तेमाल किए जाते हैं.

आप खुद को आंसू गैस के प्रभाव से कैसे बचा सकते हैं?
अगर आप किसी आंदोलन का हिस्सा हैं, या आपको उस आंदोलन को अपनी नौकरी के हिस्से के रूप में कवर करना है तो ये बातें आपको ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप आंदोलन का हिस्सा हैं या फिर आप नौकरी के रूप में इवेंट कवर कर रहे हैं तो आपको अपने चेहरे को ढंक कर रखना चाहिए.

खासतौर पर अपनी नाक को ढंक कर रखें तांकि आंसू गैस छोड़े जाने पर आप उस धुएं में सांस लेने में समस्या ना हो. इसके लिए किसी कपड़े, चादर या दुपट्टे का इस्तेमाल कर सकते हैं. अपनी आंखों को हर कीमत पर सुरक्षित रखें. स्विमिंग वाले चश्मे का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे आपकी आंखों में जलन नहीं होगी और आंखों से पानी नहीं आएगा.

आपको अपनी आंखों के आपसपास के एरिया को अच्छी तरह से कवर रखना है. ब्लैक चश्मा भी लगा सकते हैं लेकिन इससे पूर्ण सुरक्ष नहीं मिलेगी. सीडीसी का कहना है, ‘अगर आपकी आंखों में जलन हो या दिखाई देने में समस्या होने लगे तो अपनी आंखों को 10 से 15 मिनट तक साफ पानी से धोएं, जिससे आंखों को ठंडक मिलेगी और आपको राहत.

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