प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ड्रोन से दागे आंसू गैस के गोले, पहली बार हुआ ऐसा, आज फिर दिल्‍ली कूच का ऐलान

नई दिल्‍ली (New Dehli)। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस (Haryana Police)ने पहली बार ड्रोन से आंसू गैस(tear gas from drone) के गोले छोड़े हैं। हरियाणा पुलिस ऐसा करने वाली देश की पहली पुलिस(country’s first police) बनी है। जानकारी के अनुसार, हरियाणा लिमिटेड की ड्रोन इमेजिंग और सूचना सेवा (दृश्य) ने इसे तैयार किया है। हरियाणा सरकार के अनुसार, करनाल स्थित कंपनी ने इसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के सर्वेक्षण, कृषि व बागवानी फसलों की निगरानी एवं सुरक्षा उद्देश्यों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए डिजाइन किया था।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टियर स्मोक यूनिट (टीएसयू) ने 2022 में दंगों और अन्य भीड़ नियंत्रण स्थितियों के लिए ड्रोन-आधारित आंसू धुआं लॉन्चर को विकसित किया गया था, लेकिन इसे अभी तक किसी भी राज्य पुलिस बल को नहीं बेचा गया है। अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा ने किसी निजी विक्रेता से स्मोक लॉन्चर खरीदा हो। हालांकि, ड्रोन से छोड़े गए आंसू धुआं कनस्तर मध्य प्रदेश के टेकनपुर में टीएसयू में बनाए गए हैं।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। साथ ही कहा कि उसने दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों पर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे गए। पंजाब के किसानों को दो बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले का सामना करना पड़ा, जिनमें से कुछ गोले ड्रोन से दागे गए थे। शंभू बॉर्डर पर पंधेर ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के इतिहास में आज का दिन काला दिन है। जिस तरह से केंद्र सरकार ने किसानों और खेत मजदूरों पर हमला किया, वह शर्मनाक है। आज भी हम कहते हैं कि हम देश के किसान और मजदूर हैं और हम कोई लड़ाई नहीं चाहते हैं। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी की कानूनी गारंटी की किसानों की मांगों को दोहराया।

कृषि देश की रीढ़ है और किसानों की मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है, इसलिए सरकार को किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए न कि उन्हें प्रताड़ित करके मामले को और उलझाना चाहिए।

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