बताओं क्यों न मामले की स्वतंत्र एजेंसी से करायी जाये जांच

  • डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
  • रीवा के मनगवां अंतर्गत दोहरी मौत का मामला

जबलपुर। रीवा के मनगवां थानातंर्गत रक्षा बंधन के बाद रिश्ते दो भाईयों की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत को पुलिस द्धारा हादसा बताये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दायर याचिका में उक्त पूरे मामले की जांच सीबीआई व एसटीएफ से कराये जाने की राहत चाही गई है। जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की एकलपीठ ने मामले में गृह विभाग, डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। यह मामला रितेश कुमार सेन की ओर से हाईकोर्ट में दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उसका भाई जय प्रकाश सेन व मौसी का लड़का मोहित सेन थाना मऊगंज के ग्राम कांटी राखी बंधवाने गये थे। वहां से वापस लौटने के निकले और लापता हो गये, जिनका कुछ पता नहीं चला। उसके दूसरे दिन दोनों युवकों के शव बाइक सहित अमवा पुल के नीचे नहर में पड़े मिले थे। परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई और दोनों युवकों के शव को बाहर निकलवाया गया। दोनो के शवों पर बहुत सी चोट के निशान थे ।

इस दौरान परिजनों न शिवम तिवारी नामक युवक पर हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि शिवम से पूर्व में दोनों मृतकों की लड़ाई हुई थी। शिवम ने उन्हें मारने की धमकी भी दी थी। उक्त मामले को लेकर परिजनों व क्षेत्रीयजनों ने शव रखकर प्रदर्शन भी किया। आरोप है कि उक्त हत्या के मामले को पुलिस ने एक्सीडेंट मानकर दबा दिया। इतना ही नहीं सेन समाज द्वार मानवाधिकार आयोग आदि को सभी को शिकायते की गईं परंतु न्याय नहीं मिला। उस समय रीवा कलेक्टर के सामने भी वहां पर चक्का जाम किया गया था। समाज के द्वारा जातिगत आरोप लगाए गए थे। मामले में निष्पक्ष कार्रवाई न किये जाने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच एसआईटी व सीबीआई से कराये जाने की राहत चाही गई है। मामले में चीफ सेक्रेट्री होम डिपार्टमेंट, डीजीपी मध्य प्रदेश शासन, कलेक्टर रीवा, एसपी रीवा, थाना इंचार्ज मनगवां और एसपी एसटीएफ भोपाल को पक्षकार बनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने पक्ष रखा।

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