शिवराज की लाड़ली बहना योजना का भविष्य तय नहीं, अभी मोहन भी चुप

  • भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व शुरू से ही मुफ्त की योजनाओं का करता रहा है विरोध, मगर चलते चुनाव में करना पड़ा समर्थन, यही कारण है कि वचन-पत्र में भी योजना को नहीं किया शामिल

इंदौर। जिस योजना को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित भाजपा के अधिकांश नेता विधानसभा चुनाव के पूर्व गेमचेंजर बताते रहे, हालांकि परिणामों से भी स्पष्ट हुआ कि भाजपा को जो प्रचंड बहुमत मिला, उसमें लाड़ली बहनाओं का योगदान कम महत्वपूर्ण नहीं रहा। यहां तक कि अभी शिवराज की विदाई के वक्त भी लाड़ली बहनाओं द्वारा प्रदर्शन करने और रोने से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री से लिपटने के भी फोटो सामने आए हैं। मगर चूंकि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व, जिसमें खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुफ्त की योजनाओं यानी रेवड़ी कल्चर का विरोध करते रहे हैं, जिसके चलते अब लाडली बहना का भविष्य का भविष्य तय नहीं है।

नवागत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी लाड़ली बहना योजना पर चुप हैं। दरअसल, अभी विधानसभा चुनाव के दौरान चूंकि सभी सरकारी माध्यमों और प्रचार-प्रसार के जरिए लाडली बहना योजना के खूब ढोल पीटे गए और प्रदेशभर में इनके समारोह भी आयोजित हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ने तो लाड़ली बहनाओं को तीन हजार रुपए तक की राशि भविष्य में देने की घोषणा कर दी और अभी पिछली किश्त भी बढ़ाकर यानी 1250 रुपए की खातों में जमा करवाई। हर महीने की सवा करोड़ से अधिक बहनाओं के खातों में राशि जमा करवाने के एवज में लगभग 1600 करोड़ रुपए खर्च होते हैं और फिलहाल प्रदेश सरकार का खजाना भी इंदौर नगर निगम की तरह खाली है और 4 लाख करोड़ के कर्ज की सौगात नए मुख्यमंत्री को मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष को रेवड़ी कल्चर के लिए लगातार कोसते रहे हैं। हालांकि उनकी खुद की 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की योजना भी इसी श्रेणी में आती है। मगर फिलहाल तो शिवराज की लाड़ली बहना योजना का भविष्य तय नहीं है और विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश भाजपा ने जो वचन-पत्र जनता के सामने प्रस्तुत किया उसमें भी इस योजना का उल्लेख नहीं है। सिर्फ बहनों को पक्के मकान देने की घोषणा ही की गई है, जो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए वैसे ही पूरी कर दी जाएगी। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस योजना के बारे में क्या निर्णय लेते हैं।

साइबर तहसील नए साल से… रजिस्ट्रियों के साथ ही नामांतरण
कल शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के दरबार में पूजा के बाद फिर भोपाल आ गए और कैबिनेट की पहली बैठक ली, जिसमें नए साल से साइबर तहसीलें बढ़ाने, खुले में मांस-मटन नहीं बिकने देने के साथ रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाने, तेंदुपत्ता संग्रहण की सीमा 4 हजार रुपए प्रति बोरा करने, हर जिले में एक्सीलेंस कॉलेज बनाने और सीएम एक्सीलेंस कॉलेज के साथ आदतन अपराधियों की जमानत रद्द कर कड़ी कार्रवाई करने और राज्य शासन का डीजी लॉकर बनाने सहित धर्मस्थलों पर तेज लाउड स्पीकर पर रोक लगाई गई है। शासन द्वारा कल ताबड़तोड़ शाम को ये आदेश जारी किए गए, जिसमें ध्वनि प्रदूषण, लाउड स्पीकर पर रोक के लिए सभी जिलों में उडऩदस्ते गठित करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए हैं। इस मामले में धर्मगुरुओं से संवाद और समन्वय स्थापित भी किया जाएगा।

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