ऊर्जा मंत्री के आदेश की उड़ रहीं धज्जियां

  • आंकलित खपत के नाम पर लुट रहा है उपभोक्ता

विदिशा। आंकलित खपत के आधार पर बिल सुधरवाने के लिए रोज सैकड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। विभाग ने बिल सुधारने की प्रक्रिया में संंशोधन किया है। हाल ही ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा था कि आंकलित खपत के बिल देने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी और यह भी कहा था कि बिल देने से पहले यह बेरीफाइ कर लें की उस घर में खपत हो रही है या नहीं। इसके बाबजूद भी विभाग के कान में कोई जूं नहीं रैंग रही। या तो मंत्री का आदेश का पालन नहीं करता या उसे दरकिनार कर दिया गया। मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली खपत के नाम पर उपभोक्ताओं को मोटी रकम के बिल हर माह थमा दिए जाते हैं। उपभोक्ता पूर्व में बिलों को सुधरवा लेता था। लेकिन पिछले एक माह से एक नए आदेश के तहत अब बिजली बिलों का निराकरण होने में लंबा समय लग रहा है। इसके लिए या तो 1912 पर शिकायत करो और उसके बाद तीन काफी में आवेदन टाइप करके कंपनी के काउंटर पर जमा कराए जा रहे हैं। जिस बिल सुधरने में मात्र 2 मिनिट का समय लगता था। आज उसी बिल के सुधार में 20 से 25 दिन का समय व्यतीत हो रहा है। विभाग के तुगलकी फरमान से उपभोक्ताओं में नाराजगी है। रोज सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ता बिलों को लेकर विभाग के चक्कर काट रहा है। लेकिन अधिकारी मौजूद नही मिलते। जिससे वह परेशान होकर यहां-वहां भटकता रहता है और उसे निराशा ही हाथ लगती है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के इस प्रकार के रवैए से जनता में आक्रोश है। एमपीईवी में बिजली के बिल को लेकर सुधरवाने आए किले अंदर निवासी संजय ने बताया कि लूटा मारी मची है अधिकारी कुर्सियों पर नहीं बैठते और बिल सुधरने की व्यवस्था पर विराम चिंह लगाया दिया है। अब किससे उम्मीद करें। नेता सिर्फ चुनाव के समय में जनता की सुनते हैं।


दो माह से नहीं हुआ एक भी मीटर चैंज
अधिकांश समय अधिकारी ऑफिस में नहीं मिलते जिसके कारण पिछले दो महीने से एक भी मीटर चैंज नहीं हुआ है। ऐसे उपभोक्ताओं एबरेज बिल थमाए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारी फिल्ड में रहने का बहाना बनाकर ऑफिस में नहीं बैठते जबकि नियम यह है कि ऑफिस के लिए जो स्टाफ नियुक्त किया गया। उसका काम सिर्फ ऑफिस की जिम्मेदारी संभालना है। लेकिन यह लोग अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए फिल्ड पर निकल जाते हैं और उपभोक्ता फाइलों को लेकर इनके आगे पीछे घूमते रहते हैं। परिणाम स्वरूप जिस व्यक्ति का 200 यूनिट का बिल आ रहा है और वह घटकर यदि 100 यूनिट का हो जाता है तो ऐसे में उपभोक्ता को राशि वापिस नहीं दी जाती। ऐसे सैकड़ों उपभोक्ता विद्युत मंडल में प्रतिदिन मिलते हैं।

बिल सुधरवाने की नई व्यवस्था
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली के बिल सुधारने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत सर्व प्रथम 1912 नम्बर पर शिकायत दर्ज कराना होगी। इसके बाद आपकी शिकायत दर्ज होने के साथ ही एसएमएस के माध्यम से रजिस्टर्ड नम्बर मिल जाएगा। तत्पश्चात तीन कॉपियों में आवेदन तैयार करना होगा। जिसकी एक कापी प्रबंधक, दूसरी उप महा प्रबंधक और तीसरी कापी महाप्रबंधक के नाम प्रेषित करना होगी। इन संपूर्ण प्रक्रिया में एक माह से अधिक का समय व्यतीत हो जाएगा। ऐसे में उपभोक्ता अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो जाता है और वह मजबूरी में जितनी भी राशि का बिल हो जमा कर देता है। विद्युत विभाग में ऐसे सैकड़ों उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जिस बिल के सुधरने में मात्र 2 मिनिट का समय लगता था। आज उस प्रक्रिया को सीएमडी के आदेश के बाद कम से कम एक माह में बिल का सुधार होगा। इसके अलावा जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन बंद हैं उन्हें आंकलित खपत के बिल थमाए जा रहे हैं। अचानक कभी उपभोक्ताओं के मीटर पर रिडिंग आ जाती है। तो ऐसे बिलों को कम नहीं किया जाता और उन बिलों को प्रबंधक वापिस भेज देते हैं। कुल मिलाकर हर तरफ उपभोक्ता का मरण है। विभाग में बैठे ठेकेदार मानों अधिकारी बन गए हैं। ठेकेदारों के कहे अनुसार अधिकारी काम करते हैं और संतोषजनक कोई जबाव नहीं मिलता। जिससे उपभोक्ता परेशान होता रहता है। कई लोगों को जॉन टू में भेज दिया जाता है।

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