मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए रिश्वत मांगने वाले की होती रही खोजबीन

  • वृद्धा की शिकायत फर्जी निकली…फिर भी आधे घंटे में बनाया प्रमाण पत्र
इन्दौर (Indore)। जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रमाण पत्र कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी द्वारा चितावद की रहने वाली वृद्धा से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 5 हजार रुपए की राशि मांगी गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने क्षेत्रीय पार्षद और एमआईसी मेंबर को की तो वे वृद्धा को कार में बैठाकर निगम पहुंचे और कार्यालय में सबकी शिनाख्त कराई, ताकि पैसे मांगने वाले का पता चल सके, लेकिन रिश्वत मांगने वाला वहां नहीं मिला। इसके बाद अधिकारियों ने आधे घंटे में ही वृद्धा के पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया। शहर के कई मुक्तिधामों से ही मृत्यु प्रमाण पत्र दो-तीन दिन बाद दिए जाने का काम नगर निगम द्वारा पिछले कई दिनों से शुरू किया गया है, ताकि लोगों को प्रमाण पत्र के लिए परेशान ना होना पड़े, लेकिन कई वर्षों पुराने मामलों में प्रमाण पत्र बनाने के लिए तमाम मशक्कत करनी होती है। इसी के चलते कई लोग वहां परेशान होते हैं।
कल दोपहर में चितावद कांकड़ की रहने वाली वृद्धा जमनाबाई क्षेत्रीय पार्षद और एमआईसी मेंबर मनीष शर्मा मामा के कार्यालय पर पहुंची और उसने शिकायत की कि जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय में उनके पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए किसी कर्मचारी द्वारा 5 हजार की राशि मांगी जा रही है। इस पर शर्मा ने वृद्धा को अपनी कार में बैठाया और नगर निगम मुख्यालय पहुंचे। वहां जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रमाण पत्र कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने सभी कर्मचारियों से पूछताछ की और वृद्धा से कहा कि वह पहचाने कि किसने उनसे रुपयों की मांग की थी, लेकिन वृद्धा द्वारा बताए गए हुलिए के मान से वहां कोई कर्मचारी नहीं मिला। इस पर शर्मा ने कार्यालय के अधिकारियों से चर्चा की और वृद्धा द्वारा बनवाए जाने वाले प्रमाण पत्र को लेकर निर्देश दिए। आधे घंटे के अंतराल में ही वृद्धा के पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया गया।

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