विश्‍व बैंक ने माना, दुनिया की चाल भले ही रहे सुस्‍त; भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के नहीं थमेंगे कदम

नई दिल्‍ली: आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक अच्‍छी खबर आई है. विश्‍व बैंक ने अपनी ताजा ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि दुनिया की भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 में 6.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी. वहीं, साल 2024 में भी लगातार तीसरे साल वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में सुस्‍ती जारी रहेगी. 2024 में विश्‍व आर्थिक वृद्धि 2023 के 2.6 प्रतिशत की तुलना में और कम होकर 2.4 प्रतिशत पर आ सकती है.

विश्‍व बैंक का कहना है कि साल 2025 में वैश्विक ग्रोथ एक बार फिर बढ़कर 2.7 फीसदी पर पहुंच जाएगी. लेकिन दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बना रहेगा. ग्लोबल ग्रोथ के हिसाब से साल 2020 से 25 के बीच के 5 साल बीते 3 दशक का सबसे बुरा अर्धदशक साबित होने जा रहा है. लेकिन, यह दबाव भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर नहीं रहेगा और भारत द्वारा अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर उठाए गए ठोस कदमों की वजह से इंडियन इकॉनमी की रफ्तार कम नहीं होगी और देश सबसे तेज बढने वाली अर्थव्‍यवस्‍था बना रहेगा.

निवेश की रफ्तार रहेगी सुस्‍त
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निवेश की रफ्तार कुछ सुस्त रहेगी लेकिन इसका आधार मजबूत ही बना रहेगा. सरकार के द्वारा खर्च लगातार बनाए रखने और कॉर्पोरेट बैलेंस शीट के मजबूत होने से अर्थव्यवस्था की मजबूती कायम रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकों स्थिति भी मजबूत बनी रहने की उम्मीद है.

कैसी रहेगी वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था
वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि साल 2024 में लगातार तीसरे साल ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती देखने को मिलेगी. साल 2024 में ग्लोबल ग्रोथ घटकर 2.4 फीसदी पर आ सकती है. जो कि 2023 में 2.6 फीसदी पर थी. हालांकि साल 2025 में ग्रोथ एक बार फिर बढ़कर 2.7 फीसदी पर पहुंच जाएगी. इस बढ़त के बाद भी इस दशक के पहले 5 साल बीते 30 साल के सबसे सुस्त 5 साल साबित होने जा रहे हैं.

एनर्जी की कीमतें तेज
विश्‍व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में कई संघर्ष होने की वजह से स्थितियां काफी जटिल हो गई हैं. यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में हो रहे संघर्ष एनर्जी प्राइस को बढ़ा कर महंगाई दर पर बुरा असर डालने की क्षमता रखते हैं. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक इस साल नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और सेंट्रल एशिया की ग्रोथ सुस्त रह सकती है.

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