इंदौर। इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha seat) का नामांकन वापसी कांड पूरे देश में चर्चा का विषय है। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (Former Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan) भी इससे नाराज है। कांग्रेस यह प्रचारित कर रही है कि बम हत्या के प्रयास की धारा बढ़ने और दूसरे केसों के कारण बने दबाव की वजह से भाजपा में गए, लेकिन बम इस मुद्दे पर रविवार को खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि मैने किसी दबाव के कारण कांग्रेस नहीं छोड़ी, बल्कि कांग्रेस के नेता मेरा स्पोर्ट नहीं कर रहे थे। कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Congress leader Sachin Pilot) ने मालवा निमाड़ के दूसरे लोकसभा क्षेत्रों में सभाएं की। वे दो घंटे तक इंदौर एयरपोर्ट पर बैैठे रहे, लेकिन मेरे लिए इंदौर में कोई कार्यक्रम नहीं बनाया गया।
मेरा टिकट तय होने के बाद मैं जनसंपर्क के कार्यक्रम बनाता था,लेकिन कांग्रेस नेता टाल देते थे। प्रचार कार्यक्रम मैैने कई बार बड़े पदाधिकारियों से मांगे, लेकिन कोई स्पोर्ट नहीं मिला। इस बात से मैैं आहत था और मैने इस बारे में पिता से बातचीत की। पिता के कैलाश विजयवर्गीय से 40 साल पुराने संबंध है। मैने कैलाश जी से बात की और उन्होंने मेरी मदद की। इसके बाद मैने नाम वापसी का फैसला ले लिया। 17 साल पुराने केस में हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने के सवाल पर वे बोले कि इस केस में मैं पूरी तरह से क्लियर हुं। इसे लेकर कोई दबाव नहीं था। दस मई को कोर्ट में इसकी सुनवाई है।
विजयवर्गीय ने पत्रकारवार्ता मेें कहा कि बम अच्छा काम करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का मन बनाया। 29 अप्रैल को अक्षय से मेरी बात हुई थी। अक्षय चाहते तो किसी प्रस्तावक को भेजकर नाम वापस ले सकते थे, लेकिन वे संदेश देना चाहते थे कि उन्होंने इच्छा से नाम वापस लिया। यह उनका हिम्मत भरा फैसला था। मैने रमेश मैैंदोला को उनके साथ भेजा, जबकि वे अकेले नामांकन वापस लेने जाना चाहते थे। नगर निगम घोटाले पर वे बोले कि घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होगी। किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा।
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