सेम सेक्स मैरिज के सपोर्ट में आए TMC नेता अभिषेक बनर्जी, जानिए क्‍या कहा ?

कोलकाता (Kolkata)। तृणमूल कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने सेम सेक्स मैरिज (same sex marriage) को मान्यता देने की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि हर किसी को जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। इसे मामले में पिछले 4 दिन से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है। केंद्र ने समलैंगिक विवाह (gay marriage) को मान्यता देने के लिए दाखिल याचिकाओं का विरोध किया है।

तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता अभिषेक बनर्जी ने समलैंगिक विवाह का समर्थन किया है। गुरुवार (20 अप्रैल) को एक बयान में टीएमसी नेता ने कहा कि हर किसी को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने मामले में देरी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना भी की।

समलैंगिक विवाह (gay marriage) को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए इसे शहरी एलीट विचार कहा है। कहा कि इस पर कानून बनाने का अधिकार संसद को है। बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि राज्य किसी व्यक्ति के साथ उनकी यौन विशेषताओं के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है, जिस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है।


समलैंगिक विवाह (gay marriage) पर बोलते हुए टीएमसी नेता ने कहा fd मामला कोर्ट में है। इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा लेकिन मुझे लगता है कि प्यार का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता! अगर मैं एक पुरुष हूं और एक पुरुष से प्यार करता हूं और अगर एक महिला हूं और महिला से प्यार करती हूं, तो हर किसी को प्यार करने का अधिकार है. हर किसी को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, चाहे वह पुरुष हो या महिला।

केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर सभी राज्यों को पत्र लिखा है और इस पर 10 दिनों में राय देने को कहा है। केंद्र ने कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा है कि इस पर राज्यों की राय जानना आवश्यक है और उन्हें पार्टी बनाने का आग्रह किया है। इसे लेकर पूछे गए सवाल पर अभिषेक बनर्जी ने केंद्र पर टाल-मटोल की कोशिश का आरोप लगाया।

बनर्जी ने कहा कि केंद्र जानबूझकर मामले में देरी कर रहा है. यह तरीका अकारण की मामले को लटकाए रखता है! अगर वे राय लेने के बारे में गंभीर होते तो पिछले सात वर्षों में ऐसा कर सकते थे. वे इस मामले में बिना किसी वजह के टालमटोल करना चाहते हैं।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है। उन्होंने कहा, “मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि मामला कोर्ट में है। मैं हमेशा ऐसे लोगों से प्यार करती हूं जो दूसरों से प्यार करते हैं, लेकिन यह मामला इतना संवेदनशील है कि मुझे भी लोगों की नब्ज जाननी पड़ेगी. मुझे पहले अदालत का फैसला देखने दीजिए। अदालत जो भी फैसला देगी, हम उसकी जांच करेंगे और उसके बाद ही हम आपको बताएंगे।

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