उत्तर प्रदेश में योगीराज, सुशासन की बहार

– मृत्युंजय दीक्षित

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मफिया के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है। सरकारी तथा गैर सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा रहा है। इस मुक्त भूमि पर आवास बनाकर गरीबों को दिए जा रहे हैं। अपना घर मिलने पर इन गरीबों की आंखों में खुशी के आंसू हैं। होठों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रशंसा और प्रार्थना है।

प्रयागराज के लूकरगंज में 1731 वर्गमीटर की नजूल की जमीन माफिया अतीक के कब्जे में थी। उसकी कीमत लगभग दस करोड़ रुपये थी। इस ज़मीन को 13 सितंबर 2020 को मुक्त कराया गया था। वर्ष 2021 में 26 सितंबर को मुख्यमंत्री ने यहां गरीबों के लिए आवासीय फ्लैट्स की आधारशिला रखी और मात्र 18 माह में यह आवासीय योजना पूरी हो गई। इस पर 5.68 करोड़ रुपये खर्च हुए। आवासीय योजना 1731 वर्गमीटर में विकसित की गई और इसमें दो ब्लॉक बने। गरीबों को यह फ्लैट दिये गए हैं। सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। इनको बनाने में वास्तु का भी ध्यान रखा गया है। इन लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपना घर बना पाएंगे।

लाभार्थियों को आवास की चाभी सौंपते वक्त मुख्यमंत्री ने फिर माफिया को सुधरने की चेतावनी दी है। वह कहते हैं पूर्ववर्ती माफिया के साथ खड़े रहते थे जबकि हम गरीबों के साथ खड़े हैं। 2017 से पहले गुंडे किसी की भी जमीन हथिया लेते थे। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। यह भाजपा का सुशासन है। मुख्यमंत्री में जनसभा में प्रदेश के अधिकारियों से कहा वह डरे नहीं। विकास प्राधिकरण मुक्त कराई गई भूमि पर गरीबों के लिए आवास बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किसी को भी आवास नहीं मिल पाया था। अब 54 लाख से ज्यादा गरीबों को आवास मिल गया है।

मुख्यमंत्री के सुशासन में अब तक माफिया के पंजों से कब्जाई गई 66,575.75 हेक्टेयर से अधिक भूमि छुड़ाई जा चुकी है ।लखनऊ के पिपरसंड इलाके में भी भूमि का बड़ा टुकड़ा माफिया से मुक्त कराया गया है। इस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक अगस्त 2021 को यूपी स्टेट इंस्टीटयूट आफ फॉरेंसिक साइंसेज की नींव रखी थी। दो हजार करोड़ रुपये की लागत से यह इंस्टीटयूट बनकर खड़ा हो चुका है। स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक माफिया से 3516 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त, ध्वस्त व कब्जा मुक्त कराई जा चुकी है। यह अभियान अनवरत जारी रहेगा।

माफिया अतीक के मारे जाने पर प्रदेश के तमाम विरोधी दल घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं कि प्रदेश में मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है। इसकी वास्तविकता प्रयागराज में दिखाई दी जहां पर बिना किसी भेदभाव के पात्रता के आधार पर मुस्लिम महिलाओं को भी आवास मिला है। इस सुशासन की वजह से सपा, बसपा, कांग्रेस सहित तमाम दलों के पैरों तले जमीन खिसक रही है। मायावती कह रही हैं कि पसमांदा मुसलमान तो उनका वोटर है किंतु वह यह नहीं बता पा रही हैं कि उन्होंने इनके लिए क्या किया है । यही हाल सपा का है। सपा ने मुसलमानों के नाम पर गुंडई राज कायम किया। गुंडों को सत्ता की कुर्सी सौंपी।

सुशासन का दूसरा सबसे बड़ा परिवर्तन यह देखने को मिला है कि इस बार प्रदेश में बकरीद पर कहीं पर भी सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई और कुर्बानी की परंपरा भी निर्धारित स्थानों पर निभाई गई। 2017 से पहले जेलों में बंद मुख्तार अंसारी जैसे माफिया कारागार में ही बकरे की कुर्बानी दिया करते थे। अब जेल में बंद कोई माफिया ऐसा करने के लिए सोच भी नहीं सकता।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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