इंफाल। मणिपुर में एक बार फिर से सरकार गठन की कवायदें शुरू करने की अपील की गई है। 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में उनसे पूर्वोत्तर राज्य में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए ‘लोकप्रिय सरकार’ बनाने का आग्रह किया गया है। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन है।
केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया था, जहां मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है। इसे पहले ही निलंबित कर दिया गया था। पत्र पर भाजपा के 13, एनपीपी-नगा पीपुल्स फ्रंट के तीन-तीन और विधानसभा के दो स्वतंत्र सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
इसमें कहा गया है, ‘मणिपुर के लोगों ने राष्ट्रपति शासन का स्वागत किया है। उन्होंने बहुत उम्मीद और अपेक्षा के साथ ऐसा किया। हालांकि, तीन महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं देखी गई है। लोगों में इस बात की प्रबल आशंका है कि राज्य में फिर से हिंसा हो सकती है। कई नागरिक संगठन राष्ट्रपति शासन लागू करने के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं और एक लोकप्रिय सरकार की स्थापना की मांग कर रहे हैं।’
विधायकों ने 10 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा, ‘इन संगठनों ने सार्वजनिक रैलियां, नुक्कड़ सभाएं आयोजित करना, आम जनता को भड़काना, सत्तारूढ़ विधायकों पर लोकप्रिय सरकार बनाने का दावा न करने का आरोप लगाना और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की जिम्मेदारी तय करना शुरू कर दिया है।’
विधायकों में से एक ने कहा कि यह पत्र 29 अप्रैल को गृह मंत्रालय को मिला और बुधवार को इसे सार्वजनिक किया गया। विधायकों ने यह भी कहा कि हमें लगता है कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए एक लोकप्रिय सरकार की स्थापना ही एकमात्र साधन है। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वे मणिपुर के लोगों के हित में जल्द से जल्द एक लोकप्रिय सरकार स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। हम आपको आश्वासन देते हैं कि हम एक लोकप्रिय सरकार की स्थापना के बाद शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए पूरी लगन और निष्ठा के साथ काम करेंगे।
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