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कोरोना के टीके की बूस्टर खुराक के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन, नाक से दी जाएगी वैक्सीन

नई दिल्ली। देश की प्रमुख बायोटेक्नोलॉजी कंपनी (Biotechnology Company) भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने नाक से लिए जाने वाले कोविड निवारक टीके की बूस्टर खुराक के तीसरे चरण (third stage) के ट्रायल के लिए डीजीसीआई (भारत के औषधि महानियंत्रक) को आवेदन दिता है। सूत्रों के मुताबिक यह बूस्टर खुराक उन लोगों को दी जा सकेगी जिन्होंने कोवाक्सिन या कोविशील्ड (Covaxin or Covishield) टीका लगवाया है।

देश में इस समय कोरोना वायरस (corona virus) के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (New Omicron Variants) का खतरा मंडरा रहा है। देश में संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल फरवरी तक देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। कुछ रिपोर्ट्स (Reports) में कहा गया है कि नाक से दिया जाने वाला टीका ओमिक्रॉन वैरिएंट से सुरक्षा दे सकता है।

भारत बायोटेक ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों (health workers) को शीशी खोलने और उसकी बर्बादी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि मरीज उपलब्ध नहीं हैं, तो वे बस खुली हुई शीशी को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर कर सकते हैं और अगले दिन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या इसे 28 दिनों तक स्टोर कर सकते हैं।


भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से सुरक्षा के लिए वर्तमान टीकों में कुछ बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह कुछ ऐसा है जो हमें दिमाग में रखना चाहिए। मौजूदा टीके प्रभावी हैं लेकिन नए वैरिएंट के मामले में इम्युनिटी कम हो जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्य तौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक होता है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करता है। ऐसे में व्यक्ति को नाक से टीके की खुराक देकर किसी वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक नाक से दिया जाने वाला टीका इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) का उत्पादन करता है, जो वायरस के प्रवेश के स्थान यानी नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके वायरस को रोकने का काम करते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में सहायता करता है और संचरण भी रोकता है। नाक से दिए जाने वाले टीके एक मजबूत व प्रभावी म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं।

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