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जम्मू-कश्मीर में सेना का ऑपरेशन जारी ‘ओवर ग्राउंड वर्कर्स’ का बड़ा नेटवर्क ध्वस्त, 26 गिरफ्तार

पुंछ। सीमा (Limit)पार से जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में खूनखराबा करने के लिए पाकिस्तानी( Pakistani) खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) नए-नए हथकंडे अपनाती आ रही है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना और सुरक्षाबलों (security forces) के जवान हर बार मुंहतोड़ जवाब देते आ रहे हैं। पुंछ में अभी तक का सबसे लंबा ऑपरेशन  (operation)जारी है। पिछले 30 दिन से आतंकियों (terrorists) के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जो लगभग 50 किलोमीटर के जंगल के दायरे में जारी है।

11 अक्टूबर को पुंछ (Poonch)के डेरा की गली मे सुबह लगभग पांच बजे के करीब सेना की एक टुकड़ी पर आतंकियों (terrorists) ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद कई घंटों तक आतंकियों से मुठभेड़ चली, लेकिन आतंकी घने जंगल और मौसम का फायदा उठाकर दूसरे जंगल भट्टा दूरिया इलाके में जाकर छिप गए. सेना और पुलिस की टीमें आतंकियों के पीछे लगी रहीं और इन आतंकियों के साथ फिर 13 अक्टूबर को मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें भारतीय सेना के चार और जवान शहीद हो गए। आतंकी घनी झाड़ियों में जाकर छिप गए। तभी से इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है, जिसमें सेना के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप भी शामिल है। हालांकि, आतंकी कितने हैं और कहां छिपे हैं, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। सेना के सूत्रों का कहना है, कि जंगल मे भीतर कुछ प्राकृतिक गुफाएं हैं, जिसमें आतंकी छिपे हो सकते हैं।


इन आतंकियों को खाने-पीने का सामान और सूचनाएं स्थानीय लोग दे रहे थे, जो पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI)  के पे रोल पर थे। जिन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर भी कह सकते हैं. अभी तक पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो आतंकियों तक खाने-पीने का सामान पहुंचाते थे और सुरक्षा बलों के हर मूवमेंट की जानकारी मुहैया करवा रहे थे। पुंछ जिले के मेंढर सब डिविजन में तीन ऐसे ओवर ग्राउंड वर्कर थे, जो यहां से भाग कर नेपाल चले गए थे और वहीं से सऊदी अरब और फिर पाकिस्तान पहुंचने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें काठमांडू एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। इन सभी से पूछताछ जारी है। बीती रात फिर 5 लोगों को पुलिस ने मेंढर, सुरनकोट, राजौरी से गिरफ्तार कर लिया है। कुल 26 लोगों को अभी तक पकड़ा गया है और पूछताछ जारी है। सूत्रों के अनुसार, इन लोगों ने कबूला है कि इन्हें सीमा पार से संदेश मिलते थे और फिर ये घुसपैठ कर भारत मे घुसने वाले आतंकियों को आगे के रास्ते की जानकारी देते थे। साथ ही उनके रहने व खाने का प्रबंध करते थे. पुंछ और राजौरी मे एलओसी में कई ऐसे इलाके हैं, जिनके रास्ते ये आतंकी घुसपैठ करते हैं। सूत्रों का ये भी दावा है कि पुंछ में जो आतंकी जंगल मे छिपे थे, वे भी बालाकोट सेक्टर से घुसपैठ कर पहुंचे थे। हालांकि, इनके चार साथी राजौरी के थन्नामंडी इलाके में अगस्त 2021 में सेना ने मार गिराए थे और कुछ साथी बचकर निकल गए थे।

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