
भोपाल। प्रदेश में कोरोना संकट के चलते हाल ही में विधानसभा का मानसून सत्र सर्वदलीय बैठक के बाद निरस्त कर दिया गया है। जिसको लेकर संविधान के जानकारों का कहना है कि अगली बार सत्र निरस्त नहीं होगा। कोरोना महामारी के दौर में ही सरकार को सितंबर के अंतिम सप्ताह तक सत्र बुलाना होगा। संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए, यदि यह अंतर होता है तो सरकार पर संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। राज्यसभा सदस्य एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विवेक तन्खा ने का कहना है कि कार्यपालिका पर विधायिका का अंकुश जरूरी है। इसके लिए आर्टिकल 174 में स्पष्ट प्रावधान है कि विधानसभा के दो सत्रों में 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। सत्ताधारी या विपक्ष सहमति से सत्र टालने पर फैसला नहीं ले सकते। उल्लेखनीय है कि विधानसभा का पिछला सत्र 25 मार्च को स्थगित हुआ था। इस लिहाज से अगले 6 महीने 25 सितंबर को हो रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved