
नई दिल्ली। एक अगस्त 2020 यानी शनिवार से कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का योगदान पहले की तरह 24 प्रतिशत ह़ोगा।
केंद्र सरकार के आत्म निर्भर पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में कर्मचारी भविष्य निधी (एम्पलाई प्रोविडेंट फंड) का मंथली कॉन्ट्रिब्यूशन 24 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया था। सीतारमण ने कहा था कि लॉकडाउन में कारोबार बंद है इसलिए कंपनी और एंप्लॉयी दोनों के कॉन्ट्रिब्यूशन मई, जून और जुलाई 2020 के लिए 24 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है।
ईपीएफ स्कीम के नियमों के तहत कोई कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी और महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत में जमा करता है। इतनी ही रकम कंपनी अपने कर्मचारी के खाते में जमा करती है। कुल मिलाकर हर महीने ईपीएफ खाते में 24 प्रतिशत रकम जमा होती है। इन 24 प्रतिशत में से कर्मचारी का 12 प्रतिशत और कंपनी के 12 प्रतिशत में से 3.67 प्रतिशत ईपीएफ खाता में में जाताा है। बाकी का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान जब सरकार ने लॉकडाउन किया था तो कामकाज बंद हो गया था। इसकी वजह से लोगों को कैश की किल्लत होने लगी थी। लिहाजा सरकार ने इपीएफ योगदाान घटाने का फैसला किया ताकि लोगों को सैलरी के तौर पर ज्यादा पैसा मिल सके। (एजेंसी, हि.स.)
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