
इंदौर। जब मानवता शर्मसार हो रही थी, तब शहर के निष्ठुर अस्पतालों (ruthless hospitals) को सबक सिखाते इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कालेज (Aurobindo Medical College) ने उस महिला की न केवल प्रसूति कराई, बल्कि दर-दर भटकती महिला के लिए मौके पर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई।
इंदौर के संभागायुक्त पवन शर्मा (Pawan Sharma) को सूचना मिली कि कोरोना पीडि़त एक महिला प्रसूति का दर्द सह रही है और इंदौर के अस्पताल प्रसव कराने से मना कर रहे हैं। इस पर उन्होंने यह मैसेज अरबिंदो मेडिकल कालेज के संचालक डॉ. विनोद भंडारी (Director Dr. Vinod Bhandari) को भेजा। इस पर डॉ. भंडारी ने तत्काल महिला के परिजनों से फोन पर बात कर उन्हें जहां थे वहां से अस्पताल की ओर बढऩे के लिए कहा। साथ ही डाक्टरों के साथ एक एंबुलेंस (Ambulances) उनकी ओर रवाना की, ताकि यदि रास्ते में ही प्रसव की स्थिति बने तो चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। महिला प्रतिभा ठाकुर (Mahila Pratibha Thakur) को अस्पताल लाया गया और डाक्टर नीता नातू (Dr. Neeta Natu) ने तत्काल चिकित्सा व्यवस्था कर सर्जरी से बच्चे का जन्म कराया।
केवल सात दिनों में 12 कोरोना पीडि़त महिलाओं की प्रसूति करा चुका है अरबिंदो मेडिकल कालेज
इंदौर का अरबिंदो मेडिकल कालेज (Aurobindo Medical College) कोरोना काल में शहरवासियों के लिए वरदान बना। शहर के अस्पताल जहां कोरोना पीडि़त महिलाओं की प्रसूति से हाथ खड़े कर रहे हैं, वहीं अरबिंदो मेडिकल कालेज में अब तक 456 महिलाओं की प्रसूति कराई जा चुकी है, जिनमें पिछले सात दिनों में ही 12 कोरोना पीडि़त महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया। साथ ही कोरोना के 47148 मरीजों का इलाज किया गया है। इसी दौरान 788 कोविड मरीजों के ऑपरेशन भी हुए, वहीं 921 मरीजों का डायलिसिस किया गया।
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