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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दरगाह हजरत निजामुद्दीन पर हाजिरी लगाई

– दरगाह में चाक-चौबंद रही सुरक्षा, खादिमों ने कराई जियारत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की दावत पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री (Bangladesh Prime Minister) शेख हसीना (Sheikh Hasina) अपने पांच दिवसीय सरकारी दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंची हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने विश्व प्रसिद्ध (world famous) सूफी संत हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह (Dargah of Sufi Saint Hazrat Khwaja Nizamuddin Auliya) पर हाजिरी दी। इस मौके पर दरगाह में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी उन्हें दरगाह के खादिमों ने विधिवत तौर से दरगाह की जियारत कराई। इस दौरान शेख हसीना ने वहां पर दुआ भी की।


शेख हसीना का दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया से पुराना रिश्ता रहा है। उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान और परिवार के सदस्यों की 15 अगस्त 1975 के दिन हत्या कर दी गई थी। तब वह और उनकी बहन ने भारत में शरण ली थी। 1975 से 1981 तक वह दिल्ली में रहीं। वह गाहे-बगाहे हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर आकर हाजिरी दिया करती थीं। जिस समय वह भारत में रह रही थीं, उस दौरान उनकी पहचान छिपाई गई थी। उनका नाम वगैरह भी बदल दिया गया था लेकिन दरगाह के खादिम उन्हें पहचानते थे और उन्हें इज्जत और सम्मान देते थे। उसी दौरान दरगाह के एक खादिम ने उन्हें बताया कि उनके पिता ने भी 9 अगस्त 1946 को दरगाह हजरत निजामुद्दीन में हाजिरी दी थी। इस पर वह काफी विचलित हुईं। उन्होंने सब कुछ भूलकर बांग्लादेश वापस जाने और वहां पर संघर्ष करने का फैसला किया। अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने का पुख्ता इरादा किया। ऐसा माना जाता है हजरत निजामुद्दीन की दरगाह से ही उन्होंने प्रेरणा लेकर बांग्लादेश का रुख किया था और उन्होंने वहां जाकर संघर्ष किया और प्रधानमंत्री के पद पर पदासीन हुईं।

दरगाह के चीफ इंचार्ज काशिफ निजामी ने बताया कि उन्हें भारत सरकार की तरफ से इसकी जानकारी दी गई कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी भारत यात्रा के दौरान दरगाह हजरत निजामुद्दीन पर हाजिरी देने के लिए आएंगी। प्रधानमंत्री शेख हसीना की दरगाह पर हाजिरी को लेकर काफी तैयारियां की गईं और दरगाह को अच्छी तरह से सजाया संवारा गया। उन्होंने बताया कि दरगाह पर हाजिरी के दौरान उन्होंने दरगाह पर गुलपोशी की और चादर चढ़ाई। साथ ही फातेहा भी पढा। आसिफ निजामी ने बताया कि वह काफी गंभीर मुद्रा में दिखाई पड़ीं। शायद उन्हें उस समय के हालात याद आ गए जब वह अपने दिल्ली प्रवास के दौरान दरगाह पर आती रहती थीं।

चार दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को अधिक प्रगाढ़ करने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंचीं। केंद्रीय मंत्री दर्शन जरदोश ने हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की।

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सोमवार शाम बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। डॉ एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि आज शाम बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना से भेंट करके प्रसन्नता हुई। हमारे शीर्ष नेतृत्व स्तर के मेल मिलाप की गर्मजोशी और आवृत्ति हमारे घनिष्ठ पड़ोसी साझेदारी का प्रमाण है।

शेख हसीना ने अपने भारत दौरे के पहले दिन सोमवार शाम को दिल्ली की निजामुद्दीन औलिया दरगाह में जियारत की। निजामुद्दीन दरगाह प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह है। इसका दिल्ली और दुनिया भर के मुसलमानों पर एक बड़ा प्रभाव है।

निजामुद्दीन औलिया दरगाह से शेख हसीना का पुराना संबंध है। बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद कुछ सालों के लिए जब वे भारत में शरण लेकर रह रही थीं तो वे अक्सर अपनी बहन के साथ यहां जाया करती थीं। उनके पिता भी दरगाह में माथा टेक चुके हैं। चार दिवसीय यात्रा पर आई प्रधानमंत्री हसीना के यात्रा एजेंडे में शीर्ष पर रक्षा सहयोग बढ़ाना, क्षेत्रीय संपर्क को विस्तार देना और दक्षिण एशिया में स्थिरता स्थापित करना है।

शेख हसीना का कल सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी।

कल पूर्वाह्न 11.30 बजे प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके बाद दोनों नेता साझा प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे। इसी दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले करारों को आदान प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री हसीना कल शाम को उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी। उनका अगले दिन दिल्ली में कार्यक्रम है और उसके बाद वे जयपुर रवाना होंगी। वह अजमेर शरीफ जायेंगी और वहीं से स्वदेश वापसी करेंगी।

प्रधान मंत्री शेख हसीना की यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों तथा आपसी विश्वास और समझ के आधार पर बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आखिरी बार अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली का दौरा किया था। (एजेंसी, हि.स.)

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