
डेस्क: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विशेष गहन संशोधन (SIR) को बाद बहुत फ्रॉड (Fraud) सामने आ रहे हैं. वोटर आईडी (Voter ID) में कहीं ससुर ही पिता (Father) बन गए हैं तो कहीं घर के मालिक ही पिता बन गए हैं. इसी बीच एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां बसीरहाट के नारायणपुर में एक बांगलादेशी नागारिक ने अपने पड़ोसी को ही पिता बताकर न केवल वोटर आईडी बनवाया, बल्कि आधार कार्ड भी तैयार करा लिया. इतना ही नहीं शख्स पर पीएम आवास योजना के तहत घर पाने का भी आरोप लगा है.
बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले के बसीरहाट नारायणपुर के निवासी, जिसकी पहचान जियाद दफ्तर के रूप में हई है. उन्होंने एक ऐसी साजिश का खुलासा किया, जिसने वोटरलिस्ट के सत्यापन प्रक्रिया को झकझोर दिया है. जियाद के मुताबिक, उनका पड़ोसी महबूर दफ्तर, जो बांग्लादेश का निवासी है. करीब 15 साल पहले बांग्लादेश से यहां आया था और बसीरहाट के नारायणपुर में परिवार के साथ रहने लगा.
महबूर ने जियाद को अपना पिता बताकर वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड बनाया. जियाद ने कहा, “महबूर और मैं एक ही साथ काम करते हैं. एक साल पहले बैंक से पैसे निकालने के लिए मैंने उसे अपना आधार कार्ड और बाकी के कागजात दिए थे. वोट देने के समय पता चला कि महबूर मेरा बेटा बन चुका है. “पड़ोसी, जियाद दफ्तर का दावा है कि इस बात का पता चलने के बाद उन्होंने प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर इसकी जानकारी दी. लेकिन कोई समाधान नहीं मिला. वहां से मैं बीडीओ ऑफिस, हर जगह मैंने छानबीन की कि कैसे मेरा बेटा चला गया. वह बांग्लादेशी है.
इस मुद्दे को हथियार बनाकर तृणमूल-बीजेपी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी चरम पर है. इस बीच शुक्रवार को उत्तर 24 परगना के हाड़ोआ के खलीसादी गांव से घुसपैठिए, मां-बाप और बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि वे तीनों बांग्लादेशी नागरिक हैं. घर, नेहालपुर, जेस्सोर में है. 7 साल पहले अवैध रूप से यहां आए थे. हाड़ोआ के विभिन्न ईंट भट्ठों में काम करते थे. शुक्रवार को, उन्हें संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखकर संदेह होने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया.
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