
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart) की मदद करने वाले बैंकों और ब्रांड कंपनियों (banks and brand companies) की जांच भी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से कराने का आग्रह किया है। कैट ने शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में एक पत्र भेजा है।
पीयूष गोयल को भेजे गए पत्र में कैट ने उन सभी बैंकों और ब्रांड कंपनियों को भी सीसीआई जांच के दायरे में शामिल करने का अनुरोध किया है, जो अमेजन और फ्लिपकार्ट के ई-पोर्टलों पर उत्पादों को बेचने के लिए कई तरह के विशेष ऑफर और सौदों की पेशकश कर रहे हैं। कैट ने वाणिज्य मंत्री को भेजे पत्र में ई-कॉमर्स व्यवसाय पर सरकार की नीति को रेखांकित करने के लिए उनके मजबूत प्रयासों की सराहना भी की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि गोयल को लिखे पत्र में हमने उन तमाम ई-कॉमर्स और ऑनलाइन कंपनियों के अलावा विभिन्न बैंक का भी उल्लेख किया है, जो इन कंपनियों के पोर्टल से सामान खरीदने के लिए विशेष कैश बैक और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। खंडेलवाल का कहना है कि ऐसे ब्रांड मालिक और कंपनियां जो इन पोर्टलों के विभिन्न उत्पादों पर विशेष सौदे दे रही हैं, वे भी समान रूप से अपराधी हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि देश के विभिन्न बैंकों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक नियमित रूप से इन कंपनियों के पोर्टलों से की गई खरीदारी पर कैश बैक की पेशकश के साथ कई अन्य छूट और ऑफ़र भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये बैंक उन उपभोक्ताओं को छूट नहीं देते हैं, जो भौतिक बाजारों से वही सामान खरीद रहे हैं। कारोबारी नेता ने कहा कि यह व्यापार और वाणिज्य गतिविधियों में भेद-भाव करने का एक स्पष्ट मामला है, जो भारत के संविधान की भावना और अन्य संबंधित नियमों और कानूनों के खिलाफ है। (एजेंसी, हि.स.)
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