
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में महिलाओं को लड़ाकू पायलटों (women fighter pilots) के तौर पर भर्ती के प्रायोगिक कार्यक्रम को अब स्थायी करने का फैसला किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला भारत की नारी शक्ति की क्षमताओं का और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण को लेकर प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, ‘रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों की भर्ती के लिए शुरू की गई प्रायोगिक योजना को स्थायी करने का फैसला लिया है।’ सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने के महीनों बाद यह फैसला आया है।
2018 में फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रचा था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला थीं। अवनि ने इस उड़ान में मिग-21 बाइसन की कमान संभाली थी। 2020 में नौसेना ने डॉर्नियर समुद्री लड़ाकू विमान पर महिला पायलटों के पहले बैच की नियुक्ति का एलान किया था।
नौसेना ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य सहित लगभग 15 अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर 28 महिला अधिकारियों को तैनात किया है। इस तरह की और नियुक्तियों की योजना के साथ इनकी संख्या बढ़ने की तैयारी है। वहीं, भारतीय थल सेना ने साल 2019 में मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की भर्ती की शुरुआत की थी।
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