
नई दिल्ली । बिहार चुनाव (Bihar elections) में करारी हार के बाद विपक्ष (Opposition) मतदाता सूची (voter list) के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ आर-पार के मूड में है। संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र में विपक्ष इस मुद्दे को पूरे जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही इंडिया गठबंधन के घटक दल मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं। रणनीतिकार मानते हैं कि एसआईआर के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन को एकजुट और पूरी आक्रामकता के साथ लड़ाई लड़नी होगी।
कांग्रेस सहित कई घटक दल मुख्य चुनाव आयुक्त पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ साठगांठ का आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में गठबंधन के घटक दलों को इन आरोपों से आगे बढ़कर कुछ करते हुए दिखाना होगा। यह सही है कि विपक्षी दलों के पास संसद में महाभियोग के प्रस्ताव को पारित कराने का आंकड़ा नहीं है, पर विपक्ष चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पेश कर सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इससे जहां लोगों में यह संदेश जाएगा कि गठबंधन मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर गंभीर है, वहीं इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच बिखराव की खबरों पर भी लगाम लग जाएगी।
आम आदमी पार्टी भी आ सकती है साथ
पार्टी नेता मानते हैं कि संसद में इस मुद्दे पर चर्चा और वोटिंग होती है तो सियासी पार्टियों को खुलकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। वहीं, संसद के अंदर और बाहर इंडिया गठबंधन एकजुट नजर आएगा। रणनीतिकार मानते हैं कि एसआईआर के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी भी विपक्ष के साथ खड़ी दिख सकती है। कांग्रेसवोट चोरी के खिलाफ राजधानी में बड़ी रैली का ऐलान कर चुकी है।
जबरन SIR प्रक्रिया चलाई जा रही : ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के एसआईआर की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है। यह नागरिकों और अधिकारियों दोनों को जोखिम में डाल रहा है। ममता ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया चिंताजनक और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। ममता ने कहा, उन्होंने एसआईआर को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पोस्ट में आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया को रोकने के लिए ममता बनर्जी का निर्वाचन आयोग को पत्र लिखना इस बात की स्वीकारोक्ति है कि तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व घबरा गया है।
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