
नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन (India Alliance) बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतर सकता है, क्योंकि राजद की ओर से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सीएम फेस (CM Face) घोषित करने की मांग पर कांग्रेस और सीपीआई-एमएल ने अभी तक स्पष्ट सहमति नहीं दी है। आरजेडी लंबे समय से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को गठबंधन का नेता घोषित करने पर जोर दे रहा है, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान देने से परहेज किया है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि तेजस्वी की अगुवाई में कोई अस्पष्टता नहीं है, क्योंकि वे विपक्ष के नेता और गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी के प्रमुख हैं। हालांकि, आधिकारिक घोषणा का इंतजार जारी है।
सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद जल्द सुलझने की उम्मीद है, लेकिन कई सीटों पर महागठबंधन के भीतर ही लड़ाई की स्थिति बनी हुई है। बछवारा, वैशाली, तारापुर, गौरा बौरम, लालगंज, कहलगांव, राजापाकर, रोसड़ा, बिहारशरीफ और वारिसलीगंज जैसी सीटों पर महागठबंधन के दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उदाहरण के लिए बछवारा और रोसड़ा में कांग्रेस व सीपीआई, वैशाली और कहलगांव में राजद व कांग्रेस आमने-सामने हैं। इस तरह के आंतरिक टकराव गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठा रहे हैं।
राजद का दबाव बढ़ता जा रहा
तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग को लेकर राजद का दबाव बढ़ता जा रहा है। RJD का कहना है कि यह मुद्दा महागठबंधन के लिए अहम है, क्योंकि तेजस्वी यादव और मुस्लिम समुदाय में उनकी लोकप्रियता को भुनाया जा सकता है। हालांकि, एनडीए गठबंधन लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को लेकर जंगलराज और भ्रष्टाचार वाला बताया है। यह छवि तेजस्वी की उम्मीदवारी को विवादास्पद बना सकती है। हाल ही में स्पेशल कोर्ट ने लालू को एक मामले में भ्रष्टाचार का स्रोत करार दिया, जिससे तेजस्वी की उम्मीदवारी को लेकर सियासी नुकसान की आशंका बढ़ गई।
कब तक हो सकती है घोषणा
इंडिया गठबंधन ने अपने घोषणापत्र का मसौदा तैयार कर लिया है। कई लोगों का मानना है कि इसे जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा हो सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस और सीपीआई-एमएल की रणनीतिक चुप्पी से हलचल बढ़ी हुई है। इससे यह संकेत मिलता है कि वे तेजस्वी की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस में हैं, ताकि उन मतदाताओं को नाराज न किया जाए जो राजद के प्रति नकारात्मक रुख रखते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर महागठबंधन में स्थिति कब तक साफ हो पाती है।
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