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बिहार चुनावः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी सात परियोजना की आधारशिला

प्रधानमंत्री बोले- पहले की सरकारों में बिहार के गांव पिछड़ते गए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में सात परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उनका उद्घाटन किया। इनमें से चार जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवरफ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज का ये कार्यक्रम, एक विशेष दिन पर हो रहा है। आज हम अभियंता दिवस मनाते हैं। ये दिन देश के महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया जी की जन्म-जयंती का है, उन्हीं की स्मृति को समर्पित है। हमारे भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है। चाहे काम को लेकर समर्पण हो, या बारीक नज़र, भारतीय इंजीनियरों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है। हमें गर्व है कि हमारे इंजीनियर देश के विकास को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है। बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है। बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुँचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं। एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धतताएं बदल गईं। राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया। इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया।
पीएम ने कहा कि ‘सड़कें हो, गलियां हों, पीने का पानी हो, सीवरेज हो, ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए। जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है।
शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि ‘बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमज़ोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा कि ‘अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते 4-5 सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। स्वच्छ पानी, न सिर्फ जीवन बेहतर बनाता है बल्कि अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचाता है।
पीएम ने कहा कि ‘शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है, लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है! लेकिन मेरा मानना है, ऐसा नहीं है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है।आज आवश्यक है कि हमारे शहरों में संभावनाएं हों, समृद्धि हो, सम्मान हो, सुरक्षा हो, सशक्त समाज हो और आधुनिक सुविधाएं हों।
नमामि गंगे परियोजना का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि ‘बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है। गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है। गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। सरकार का प्रयास है कि गंगा के किनारे बसे जितने भी शहर हैं, वहां गंदे नालों का पानी सीधे गंगा जी में गिरने से रोका जाए। इसके लिए अनेकों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटस् लगाए जा रहे हैं।
कहा कि ‘आज जो बेऊर और करम-लीचक की योजना का उद्घाटन हुआ है, उससे इस क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा। गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं। नमामि गंगे मिशन के तहत बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है। इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं।

 

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