
बुरहानपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारत जोड़ो यात्रा (bhaarat jodo yaatra) के पहले दिन भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बुधवार शाम को बुरहानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में हम चुनाव जीते थे, हमारी सरकार थी। भाजपा ने करोड़ों रुपये देकर 20-25 भ्रष्ट विधायकों को खरीद लिया और सरकार बना ली।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार सुबह मध्य प्रदेश में बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से शुरू हो होकर दरियापुर होते हुए दोपहर में सेंट जेवियर स्कूल जैनाबाद फाटक पहुंची। यहां स्कूल में विश्राम करने के बाद यात्रा फिर आगे बढ़ी और शाम को बुरहानपुर पहुंची। रास्ते में जगह-जगह यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद राहुल गांधी ने यहां ट्रांसपोर्ट नगर में नुक्कड़ सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य महंगाई, बेरोजगारी, डर और भाजपा द्वारा जो नफरत फैलाई जा रही है, उसको लेकर लोगों से बात करना है। संवाद के जो माध्यम होते थे, उन्हें भाजपा ने तहस-नहस कर दिया है। हिंदुस्तान में डर और हिंसा का माहौल है। हमने बहुत कोशिश की और जनता, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारियों की आवाज राज्यसभा में उठाने का प्रयास किया। सदन में माइक बंद करा देते हैं और अन्य मंचों को भी प्रभाव में ले रखा है। सभी संस्थाओं को भाजपा ने पकड़ रखा है। हमने सोचा एक ही रास्ता है, इसलिए हम सड़क पर उतरे। लोगों से सीधा जाकर मिलो। उनकी बात सुनो। छोटे व्यापारियों से मिलो। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा ही एक रास्ता थी।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने केरल से यात्रा कर महाराष्ट्र में प्रवेश किया, वहां लोगों का अपार जनसमर्थन मिला। महाराष्ट्र ने समर्थन देने में केरल को हराया था और मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र को हरा दिया। उन्होंने कहा कि बुरहानपुर मोहब्बत का सेंटर है। ये बात आप हिंदुस्तान को हजारों सालों से कह रहे हो। हम मोहब्बत के इस मैसेज को श्रीनगर तक ले जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि युवा रोजगार चाहता है। रोजगार छोटा व्यापारी देता है। छोटे-छोटे मिडिल साइज बिजनेस देता है। ये रोजगार, पब्लिक सेक्टर से मिलता है। अब इन्होंने युवाओं को डराने के लिए नोटबंदी और जीएसटी लागू किया। छोटे व्यापार खत्म हो गए। रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। एमपी में युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता। नोटबंदी, जीएसपी पॉलिसी नहीं, बल्कि हथियार हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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