
रायपुर। भाजपा (BJP) की चुनावी रणनीति का आगाज बस्तर (election strategy begins from Bastar) में हो चुका है। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी को लेकर मंगलवार शाम से भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत जगदलपुर में पहली बार हुई है। दरअसल यह पहला चिंतन शिविर है जो छत्तीसगढ़ कि राजधानी रायपुर से बाहर के इलाके में आयोजित हो रहा है। आदिवासी इलाकों में ढीली पड़ी पकड़ को दोबारा मजबूत करने व कार्यकर्ताओं में जोश भरने की शुरुआत इसी इलाके से की जा रही है।
बंद हाल में हो रहे चिंतन शिविर में शामिल होने से पहले मीडिया को सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि चिंतन शिविर की शुरुआत बस्तर से हो रही है। जिस प्रकार प्रकृति ने साथ दिया लंबे समय बाद करीब 45 मिनट की बारिश हुई ये पूरे छत्तीसगढ़ और बस्तर के लिए शुभ सन्देश है। भगवान इंद्र का आशीर्वाद भी है और मौसम छत्तीसगढ़ का बदल भी रहा है। जिस प्रकार राजनीतिक वातावरण में गर्मी आई हुई है, जिस प्रकार के नारे लग रहे है छत्तीसगढ़ की धरती पर उस नारे का असर दिखेगा। कांग्रेस पूरी तरीके से विभाजित दिख रही है। इस शिविर शार्ट टर्म और लांग टर्म स्टडी आने वाले 3 महीने और 6 महीने की कार्ययोजना के साथ आने वाले ढाई साल की कार्य योजना कि मुख्य बिंदु शामिल होंगी। 2023 के चुनाव में बीजेपी को सफलता कैसे मिलेगी और कांग्रेस सरकार की ढाई साल की असफलता को जनता के बीच कैसे लेकर जाएंगे, इस विषय को तय किया जाएगा।
चिंतन शिविर से बीजेपी को फायदा नहीं:खाद्य मंत्री अमरजीत भगत
भाजपा के चिंतन शिविर को लेकर प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि बीजेपी ने 15 साल तक किसी वर्ग की चिंता नहीं की, जिसके चलते आज बस्तर में बीजेपी की स्थिति चिंताजनक है।भूपेश सरकार के कामकाज से बीजेपी चिंतित हैं।वहीं, चिंतन शिविर को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि बीजेपी नेता अपनी चिंता से उबर नहीं पा रहे हैं। चिंतन शिविर से बीजेपी को फायदा नहीं होने वाला है।
इस चिंतन शिविर में केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्री रेणुका सिंह, प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव व सह-प्रभारी नितिन नवीन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.रमन सिंह, महासचिव सरोज पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, नंद कुमार साय, नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकार, प्रेम प्रकाश पांडेय, ओपी चौधरी, विजय शर्मा, शिवरतन शर्मा, सांसद मोहन मंडावी, संतोष पांडेय, बस्तर से लता उसेंडी, केदार कश्यप, किरण देव, महेश गागड़ा समेत अन्य नेता शामिल हुए। (एजेंसी, हि.स.)
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