
डेस्क: बिहार (Bihar) में सीटों के बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर नाराजगी दूर करने की जारी कवायद के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कल मंगलवार को 71 प्रत्याशियों की लिस्ट घोषित कर दी. इस लिस्ट के जरिए कई लोगों के नाम काट दिए गए तो कुछ ऐसे भी नाम हैं जो रिकॉर्ड बनाने की दहलीज पर हैं. पहला लिस्ट में दोनों उपमुख्यमंत्रियों (सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा) के अलावा डॉक्टर प्रेम कुमार (Dr. Prem Kumar) को टिकट दिया गया है. प्रेम कुमार एक ही सीट से लगातार नौंवी बार जीत की कोशिश करेंगे.
गयाजी जिले की गया शहर क्षेत्र प्रेम कुमार की वजह से प्रदेश की सियासत में खास पहचान रखती है. वह यहां से लगातार 8 बार से चुनाव जीत रहे हैं. उन्हें इस सीट से एक बार भी शिकस्त नहीं मिली है. अति पिछड़े वर्ग (Economically Backward Class) से आने वाले प्रेम कुमार प्रदेश में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा माना जा रहा था. इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड एनडीए के साथ नहीं थी और वह महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी.
बिहार में नीतीश कमार सरकार में लंबे समय मंत्री के पद पर रहे प्रेम कुमार ने साल 1990 में गया शहर सीट के जरिए पहली बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. तब से लेकर अब तक 8 चुनौतियों का डटकर सामना किया और जीत अपने नाम किया. पहले कांग्रेस और फिर राष्ट्रीय जनता दल तथा जनता दल यूनाइटेड के दबदबे वाले राज्य में यह वह सीट रही जहां पर बीजेपी का कमल हर बार शान के साथ खिलता रहा.
चंद्रवंशी समाज (पारंपरिक पालकी ढोने वाली कहार जाति) से नाता रखने वाले डॉक्टर प्रेम कुमार 1990 के बाद 1995 में दूसरी बार विधायक बने. इस दौरान उनका अध्ययन भी जारी रहा. साल 1999 में यानी 2 बार विधायकी का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी की डिग्री हासिल की.
गया शहर सीट से डॉक्टर प्रेम कुमार बीजेपी की ओर से हर बार मजबूत प्रत्याशी के रूप में रहे तो विपक्ष की ओर से मुकाबले में हर बार नए चेहरे को उतारा जाता रहा. लेकिन प्रेम कुमार के साथ यहां के वोटर्स का जो प्रेम बना रहा वो आज तक बना हुआ है. 2020 के चुनाव में प्रेम के सामने महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने डॉक्टर अखौरी ओंकारनाथ ने उतारा था. लेकिन प्रेम कुमार यह चुनाव 11,898 वोटों से जीतने में कामयाब रहे थे.
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