
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के इस बुरे समय में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remadecivir Injections) की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे में कई लोगों ने दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाने को ही अपना लाभ का धंधा बना लिया है और वे रेमडेसिविर दवाई की कालाबाजारी (Remedycivir Drug Blackjack ) में लग गए है, इसी प्रकार का एक मामला दिल्ली (Delhi) से सटे गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) में सामने आया है.
नोएडा पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए व्यक्ति से सैकड़ों की संख्या में रेमडेसिविर बरामद की गई है. फिलहाल नोएडा थाना सेक्टर-20 की पुलिस हिरासत में लिए व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. इससे पहले हरियाणा के पंचकूला से रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते हुए क्राइम ब्रांच ने एक फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया. आरोपी के पास रेमडेसिविर के 18 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए एक फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया गया है. फार्मासिस्ट को क्राइम ब्रांच ने पंचकूला के सेक्टर-11 से गिरफ्तार किया है.
पकड़े गए फार्मासिस्ट की पहचान शिव कुमार के रूप में हुई है. शिव कुमार झज्जर का रहने वाला है और हाल ही में पंजाब के मुबारकपुर में शिफ्ट हुआ है. ऐसे पकड़ में आया फार्मासिस्ट जानकारी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच सेक्टर-26 के इंचार्ज अमन कुमार और उनकी टीम के साथ पंचकूला ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि एक फार्मासिस्ट अवैध रूप से कोरोना की दवाई तय कीमत से बहुत ऊंचे दामों में बेच रहा है. जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली ग्राहक तैयार करके रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए उसको कॉल किया था.
फोन पर आरोपी फार्मासिस्ट शिव कुमार ने एक इंजेक्शन की कीमत 13,000 रुपये बताई. जिसके बाद नकली ग्राहक बना क्राइम ब्रांच का सदस्य इंजेक्शन खरीदने के लिए चला गया और उसे धर लिया गया. मौके पर ही आरोपी के पास से रेमडेसिविर के 18 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. इसी प्रकार से अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार इस इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं.
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