नई दिल्ली । दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्था में शामिल ब्रिक्स (BRICS) देशों के कुनबे में दो देश और शामिल होने जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक ईरान ( Iran) और अर्जेंटीना ( Argentina) ने इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है. इन दोनों देशों को सदस्यता मिलते ही ब्रिक्स परिवार में सात देश हो जाएंगे.
ईरानी अधिकारी ने दी ब्रिक्स की सदस्यता की जानकारी
एक ईरानी अधिकारी ने 27 जून सोमवार को बताया कि ईरान ने ब्रिक्स के रूप में जानी जाने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह में सदस्य बनने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया है. इसकी पुष्टि ईरान के विदेश मंत्रालय से हुई है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक ब्रिक्स समूह जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. उसमें ईरान की सदस्यता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
रूसी मंत्रालय ने की अर्जेंटीना की अर्जी की पुष्टि
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा (Maria Zakharova) के मुताबिक अर्जेंटीना ने भी समूह में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. उनका कहना है कि हालांकि इस मामले पर जानकारी देने के लिए अर्जेंटीना के अधिकारियों से तत्काल कॉमेंट लिए संपर्क नहीं हो पाया. गौरतलब है कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज (Alberto Ángel Fernández) इस वक्त यूरोप (Europe) में हैं. उन्होंने हाल ही में अर्जेंटीना के ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा फिर से जाहिर की थी.
क्या कहा अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ज़खारोवा ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप (Telegram) पर लिखा, “जब व्हाइट हाउस सोच रहा था कि दुनिया में और क्या बंद किया जाए, प्रतिबंध लगाया जाए या खराब किया जाए, अर्जेंटीना और ईरान ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया.”
रूस की भी घनिष्ठ संबंध बनाने की मंशा
रूस (Russia) लंबे समय से एशिया ( Asia), दक्षिण अमेरिका (South America) और मध्य पूर्व (Middle East) के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने पर जोर दे रहा है, लेकिन उसने हाल ही में यूक्रेन पर अपने आक्रमण पर यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका (United States)और अन्य देशों के लगाए गए में लगाए प्रतिबंधों को झेलने के लिए अपनी कोशिशों को तेज कर दिया है.
गौरतलब है कि यूक्रेन(Ukraine) के भीड़-भाड़ वाले शॉपिंग सेंटर पर मिसाइल हमले सहित कई रूसी हमलों में 28 नागरिकों के मारे जाने के बाद 27 जून सोमवार को, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने उसके लिए अटूट समर्थन का वादा किया. उधर रूस यूक्रेन के नागरिकों को निशाना बनाने से इंकार करता रहा है. हालांकि रूस इन हमलों को यूक्रेन को निरस्त्र करने और फासीवादियों से बचाने के लिए एक “विशेष सैन्य अभियान” कहता है.
उधर यूक्रेन की राजधानी कीएव ( Kyiv) और पश्चिम में उसके सहयोगियों का कहना है कि युद्ध बगैर उकसावे की गई आक्रामकता है.
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