
नई दिल्ली । भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह(Former President Brijbhushan Sharan Singh) यौन शोषण(Sexual Exploitation) के आरोपों (allegations)के बाद भले ही पद से हट गए हैं लेकिन उनका रुतबा कम नहीं हुआ है। शनिवार को प्रो रेसलिंग लीग (PWL) के उद्घाटन के मौके पर उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। 2015 से शुरू हुई यह लीग 2019 में कोरोना और बजट की कमी की वजह से थम गई थी। इसे एक बार फिर से शुरू किया गया है। इस मौके पर 6 बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुख्य अतिथि की भूमिका में थे। बता दें कि दो साल पहले कुछ सीनियर महिला पलवानों ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। दिल्ली की अदालत में मामले की अब भी सुनवाई चल रही है।
बृजभूषण पर आरोपों के बाद खेल मंत्रालय ने WFI में फिर से चुनाव करवाए थे और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था। वहीं जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। शनिवार को कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण का जोरदार स्वागत किया गया। रेसलिंग लीग के सीईओ अखिल गुप्ता ने उन्हें बुके दिया।
इस मौके पर बृजभूषण ने कहा, ‘लीग चलाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मुझे डब्ल्यूएफआई ने आमंत्रित किया था इसलिए मैं यहां आया हूं। डब्ल्यूएफआई में मेरी कोई आधिकारिक भूमिका नहीं है लेकिन मैं एक खेल प्रेमी हूं और कोई भी मुझसे यह हक नहीं छीन सकता। ’ WFI ने यह भी कहा कि पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल पहलवानों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा और उन्हें नीलामी में अपना नाम दर्ज कराने की अनुमति दी जाएगी।
डब्ल्यूएफआई ने पहले सालाना रॉयल्टी फीस पर पीडब्ल्यूएल को मेजबानी करने का अधिकार प्रोस्पोर्टिफाई को दिया था। लेकिन तब संकट खड़ा हो गया जब ज्यादातर प्रतिभागियों ने शिकायत की कि उन्हें कई साल से अपने टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) की जानकारी नहीं मिली। डब्ल्यूएफआई ने भी यह दावा किया कि उसे तय रॉयल्टी नहीं मिली। जून 2022 में डब्ल्यूएफआई ने 30 करोड़ रुपये का भुगतान करके लीग का पूरा मालिकाना हक हासिल करने के लिए प्रोस्पोर्टिफाई के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए। लीग के नए चेयरमैन और प्रमोटर दयान फारूकी ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सभी अधिकार ओनएनओ मीडिया को दिए गए हैं। हमने अतीत से सबक सीखा है, डब्ल्यूएफआई भुगतान पर नियंत्रण रखेगा। जो कोई भी मुकाबला करना चाहता है, वह आगे आ सकता है, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। ’ लीग के सीईओ अखिल गुप्ता ने कहा, ‘यह पहला सत्र है तो हम दिल्ली में एक ही स्थल रखेंगे और अगले सत्र से इसे दूसरे शहरों में ले जा सकते हैं। हम अब भी फ्रेंचाइजी के लिए कॉर्पोरेट्स और अन्य से बात कर रहे हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय पहलवानों से पहले ही संपर्क किया जा चुका है।’
लीग 18 दिन तक चलेगी और छह में से हर टीम में नौ पहलवान होंगे जिसमें चार महिलाएं शामिल होंगी। सभी टीमों में पांच भारतीय और चार विदेशी पहलवान हो सकते हैं। हर टीम के पास दो करोड़ रुपये का पर्स होगा और लीग की तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी।
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