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प्रवासियों से परेशान ब्रिटेन! PM सुनक ने की कार्रवाई की तैयारी, मुश्किल में होंगे भारतीय

November 26, 2022

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ‘लो क्वालिटी’ डिग्री लेने वाले और आश्रितों को साथ लाने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने का विचार कर रहे हैं. डाउनिंग स्ट्रीट ने इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में विचार इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि Britain में प्रवासियों की संख्या रिकॉर्ड नंबर पर पहुंच गई है. ये संख्या रिकॉर्ड पांच लाख पर पहुंच गई है. हालांकि, प्रवक्ता की तरफ से ये नहीं बताया गया है कि लो क्वालिटी डिग्री से उनका क्या मतलब है और इसे लेकर क्या नीतियां बनाई गई हैं.

सरकार के माइग्रेशन एडवाइजर ने चेतावनी दी है कि अगर विदेशी स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो इससे कई सारी यूनिवर्सिटीज कंगाल हो जाएंगी. दरअसल, ब्रिटिश सरकार की चिंता की वजह ये है कि इस हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ONS) ने एक आंकड़े को जारी किया. इसमें प्रवासियों की संख्या को बढ़ते हुए देखा गया. इन प्रवासियों में बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं.

भारतीय स्टूडेंट्स होंगे प्रभावित
2021 में प्रवासियों की संख्या 1,73,000 थी, जो इस साल बढ़कर 5,04,000 हो गई. इसमें विदेशी छात्रों का बड़ा योगदान रहा है. इन विदेशी स्टूडेंट्स में भारतीयों की संख्या अधिक है, क्योंकि ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या में भारतीय टॉप पर हैं. दूसरे नंबर पर चीनी छात्र हैं. अगर ब्रिटिश सरकार विदेशी स्टूडेंट्स पर कार्रवाई करती है, तो इसका भारतीयों पर सीधा असर होने वाला है.


प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं कि आप्रवास प्रणाली सुचारु रूप से काम कर रही है. प्रधानमंत्री प्रवासियों संख्या को कम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. ब्रिटेन में डिग्री लेने पर स्टूडेंट्स को पोस्ट स्टडी वीजा भी दिया जाता है. इस वजह से भी भारतीय स्टूडेंट्स वहां पढ़ने जाते हैं. ऐसे में अगर स्टूडेंट्स पर कार्रवाई हुई, तो उनकी टेंशन बढ़ सकती है.

वीजा हासिल करने वालों में भारतीय टॉप पर
दरअसल, हाल ही में बताया गया था कि ब्रिटेन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में भारतीय छात्र उभरे हैं. उन्होंने पहली बार चीनी छात्रों को पछाड़ दिया. भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले स्टडी वीजा की संख्या में 273 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. स्किल्ड वर्कर कैटेगरी में वीजा हासिल करने वालों की सूची में भारतीय टॉप पर हैं. मेडिकल क्षेत्र में भी वीजा हासिल करने वालों में भारतीय टॉप पर हैं.

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