व्‍यापार

Corona से व्यापारियों को 15 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान: CAIT

नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का दावा है कि कोविड-19 (Covid19) महामारी की दूसरी लहर (Second Wave) से अभी तक 15 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। इसमें खुदरा कारोबार को 9 लाख करोड़ रुपये, जबकि थोक कारोबार को 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कारोबारी संगठन ने कहा कि इस नुकसान की वजह से व्यापारी कर्मचारियों की छंटनी करने को मजबूर हैं।

कैट (Cait) ने बुधवार को यहां जारी एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 (Covid19) की दूसरी लहर (Second Wave) की वजह से देश के लगभग सभी राज्यों में सख्त लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया। कारोबारी संगठन का मानना है कि इससे पिछले 60 दिनों में घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो चुका है। इससे कारोबारियों के सामने गंभीर वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया है, जिसके चलते देशभर के व्यापारी पहली बार अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने पर विचार कर रहे हैं।

कैट महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि लगभग सभी कारोबारी अपने खर्च को घटाने के लिए प्रयासरत हैं। इनमें मासिक एस्टैब्लिशमेंट एवं ओवरहेड खर्चों में कटौती सहित कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है। उनका कहना है कि पिछले साल और इस साल लॉकडाउन के कारण कारोबार में अप्रत्याशित कमी, मेडिकल खर्चों में अप्रत्याशित वृद्धि और आय के सभी स्रोतों के बंद हो जाने से व्यापारी परेशान हैं। अब वे पहले की तरह मासिक खर्च नहीं कर सकते हैं।


खंडेलवाल ने कहा कि पिछले दो महीने में 15 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है, जिसमें खुदरा व्यापार को करीब 9 लाख करोड़ रुपये तथा थोक व्यापार को करीब 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अनुमान है कि महाराष्ट्र के कारोबारियों को करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये, दिल्ली के कारोबारियों को करीब 40 हजार करोड़ रुपये, गुजरात के कारोबारियों को करीब 75 हजार करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश के कारोबारियों को लगभग 85 हजार करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 45 हजार करोड़ रुपये, राजस्थान में 35 हजार करोड़ रुपये और छत्तीसगढ़ को लगभग 27 हजार करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ है।

कारोबारी संगठन के मुताबिक इस बार कोरोना के कारण उपजे वित्तीय संकट ने देश के व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। इसी वजह से न चाहते हुए भी देशभर में व्यापारियों को अपने 30 से 40 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने पर गंभीरता से विचार करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब व्यापारी उनको और अधिक समय तक बिठा कर वेतन नहीं दे पाएंगे। इसलिए व्यापारियों के पास कार्यबल को कम करने सहित व्यावसायिक खर्चों में कटौती के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।

Share:

Next Post

दिल्ली HC ने Google की याचिका पर केंद्र-दिल्ली सरकार से मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

Wed Jun 2 , 2021
नई दिल्ली। नए आईटी नियमों (New IT Rules) को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। व्हाट्सऐप (WhatsApp) के बाद अब गूगल (Google) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की है। इस पर कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई […]