
नई दिल्ली । 40 साल पहले भारत(India) के विमानन इतिहास (Aviation History)के सबसे बड़े आतंकी हमले(Terrorist attacks) को लेकर बड़ी जानकारी(Big Information) सामने आई है। जून 1985 में खालिस्तानियों ने एअर इंडिया की उड़ान संख्या 182 कनिष्क को निशाना बनाया था जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में कनाडा के 268 नागरिक थे। रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस ने अब दावा किया है कि उसने उस शख्स की पहचन कर ली है जिसने उड़ान से कुछ सप्ताह पहले ही बम की टेस्टिंग की थी। हालांकि कनाडा ने उस शख्स के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया। ऐसे में उसने एक बार फिर भारत का जख्म हरा कर दिया है।
इस मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि उस शख्स की बिना किसी कार्रवाई झेले ही मौत हो चुकी है। 23 जून 1985 को आयरलैंड के तट पर कनिष्क विमान में विस्फोट हो गया था। इस घटना को 40 साल पूरे हो गए हैं। आरसीएमपी के सहायक आयुक्त डेविड टेबोल ने वैंकूवर सन से बातचीत में कहा कि उस ‘मिस्टर X’ की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इस खालिस्तानी हमले की जांच जारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मिस्टर एक्स ने इस आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के साथ ब्रिटिश कोलंबिया की यात्रा की थी। दोनों ने एक इलेक्ट्रीशियन के साथ मिलकर रियात के जंगलों में बम टेस्ट किया था। कनाडा की खुफिया एजेंसी के एजेंट्स ने विस्फोट की आवाज सुनी थी। वेस्ट वैंकूवर के पुलिस चीफ ने कहा कि 40 साल में जिस तरह इस मामले की जांच हुई है, वह संतोषजनक नहीं है। इस तरह के मामले में पीड़ितों के परिवारों की निराशा बढ़ जाती है।
क्या था कनिष्क विमान हादसा
23 जून को एअर इंडिया का बोइंग 747 विमान ‘कनिष्क’ मॉन्ट्रियल से नई दिल्ली आ रहा था। तभी अटलांटिक महासागर के तट पर आयरलैंड के पास यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हमले में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इसमें 22 चालक दल के सदस्य भी शामिल थे। बम विस्फोट इतना भयंकर था कि विमान के टुकड़े हवा में उड़ गए थे। विमान उस वक्त लगभग 31 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। अचानक विमान रडार से गायब हो गया और यह अटलांटिक महासागर में गिर गया।
जांच में पता चला कि खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा ने यह हमला करवाया था। खालिस्तानी ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे। इस घटना के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में भी खटास आ गई थी। बाद में कनाडा की पुलिस ने कई आरोपियों को पड़ा था हालांकि इस मामले में कभी पूरा न्याय नहीं मिल पाया।
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