नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई को कक्षा 12वीं के परिणाम जारी करने के लिए तैयार की गई मूल्यांकन नीति पर विद्यार्थियों और अभिभावकों की चिंताओं का जवाब देने के लिए कहा है। दरअसल, कुछ छात्रों और माता-पिता के संघ ने सीबीएसई और आईसीएसई दोनों की मूल्यांकन योजनाओं के संबंध में कुछ चिंताएं व्यक्त की है।
22 जून को होगी सुनवाई, सीबीएसई व आईसीएसई देंगे जवाब
सीबीएसई और आईसीएसई के वकील मंगलवार 22 जून को जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की विशेष पीठ के सामने सभी सवालों के जवाब देंगे। इसके साथ ही कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले और मूल्यांकन नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।
कंपार्टमेंट परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर भी होगी सुनवाई
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट, मंगलवार दोपहर 2 बजे सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि 1,152 विद्यार्थियों द्वारा दायर एक संयुक्त याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई नियमित छात्रों द्वारा तय की गई मूल्यांकन योजना के आधार पर ही कंपार्टमेंट के छात्रों का मूल्यांकन करे।
बारहवीं परीक्षा का विकल्प ‘प्रीमियम’ होगा
यूपी पेरेंट्स एसोसिएशन, लखनऊ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा है कि आंतरिक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में असमर्थ रहे छात्रों को कक्षा 12वीं की परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह एक ‘प्रीमियम’ विकल्प है। आंतरिक मूल्यांकन या परीक्षा दोनों में से किसी में भी शामिल होने का विकल्प, प्रारंभिक चरण में दिया जाना चाहिए। यदि कोई विद्यालय या छात्र इस आंतरिक मूल्यांकन का विकल्प नहीं चुनना चाहता है तो जुलाई के मध्य में बारहवीं परीक्षा के लिए एक तारीख तय कर परीक्षा आयोजित कर सकता है।