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केंद्र सरकार का दावा, देश में तेजी से बढ़े रोजगार के अवसर


नई दिल्‍ली । केन्‍द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री (Union Minister for Labor and Employment) भूपेन्‍द्र यादव (Bhupendra Yadav) ने त्रैमासिक रोजगार सर्वे (क्‍यूईएस) तथा ईपीएफओ पेरॉल डाटा (Quarterly Employment Survey (QES) and EPFO payroll data) की हाल की सर्वे रिपोर्टों (Survey Reports) को उल्‍लेखित करते हुए कहा कि देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्‍व में सरकार संगठित एवं असंगठित दोनों ही क्षेत्रों में कामगारों एवं श्रमिकों के कल्‍याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्‍होंने कहा कि ईएसआईसी अस्‍पतालों द्वारा श्रमिकों की स्‍वास्‍थ्‍य जांच की जाएगी तथा फैक्ट्रियों/एमएसएमई कलस्‍टरों को एक यूनिट समझा जाएगा तथा ईएसआईसी श्रमिकों की बचाव संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य जांच के लिए उनके साथ समन्‍वय करेगा। वर्तमान में जारी प्रायोगिक परियोजना के हिस्‍से के रूप में कुल 15 शहरों में स्‍वास्‍थ्‍य जांच का आयोजन किया जाएगा।

भूपेन्‍द्र यादव ने यह भी बताया कि ईएसआईसी की लंबित परियोजनाओं तथा ईएसआईसी के अस्‍पतालों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी तथा चिकित्‍सकों एवं कर्मचारियों की उपलब्‍धता का ध्‍यान रखा जाएगा। उन्‍होंने चिकित्‍सकों से निर्धनों की सेवा करने वाले ईएसआईसी अस्‍पतालों में नियुक्त होने की अपील की तथा आश्‍वासन दिया कि चिकित्‍सकों तथा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में ईएसआईसी कॉरपोरेशन द्वारा संशोधन किया जाएगा। ईएसआईसी कर्मचारियों की स्‍थानांतरण नीति की चर्चा करते हुए उन्‍होंने बताया कि शीघ्र ही एक खुली, डिजिटल तथा पारदर्शी स्‍थानांतरण नीति लागू की जाएगी।


केन्‍द्रीय मंत्री ने बताया कि ईएसआईसी बैठक में ऐसा महसूस किया गया कि ईएसआईएस अस्‍पतालों में चिकित्‍सकों एवं कर्मचारियों की भारी कमी है। इसलिए निर्णय लिया गया कि इस कैलेंडर वर्ष में पांच हजार चिकित्‍सकों की नियुक्ति करते हुए शीघ्र ही रिक्तियां भरी जाएंगी।

बतादें कि इस साल जनवरी में श्रम मंत्रालय ने तिमाही रोजगार सर्वेक्षण जारी किया था। इस सर्वेक्षण के अनुसार बीते साल जुलाई से सितंबर के दौरान नौ चयनित क्षेत्रों में कुल रोजगार की संख्या 3.10 करोड़ रही। यह इसी साल के अप्रैल से जून तिमाही के मुकाबले दो लाख अधिक है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्रम ब्यूरो (Employment Bureau) द्वारा तैयार तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (QES) को जारी किया था।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने जिन नौ क्षेत्रों का उल्लेख किया है, उनमें विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्टोरेंट, आईटी / बीपीओ (Business Process Outsourcing) और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये आंकड़े कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की दूसरी लहर के बाद राज्यों द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाने के चलते आर्थिक गतिविधियों में हुए सुधार को दर्शाते हैं। यह रिपोर्ट इस कड़ी की दूसरी रिपोर्ट थी । पहली रिपोर्ट अप्रैल-जून 2021 की थी। इस अध्ययन में 10 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को शामिल किया गया। इस रिपोर्ट को जारी करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा था कि इन अध्ययनों से सरकार को साक्ष्य आधारित नीति बनाने में मदद मिलेगी।

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