
नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने इनकम टैक्स नियमों (income tax rules) में बदलाव को लेकर अधिसूचना जारी की है. इसी के साथ पहले की तारीख से टैक्स लगाने वाला कानून यानी रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective tax) अब आधिकारिक रूप से निरस्त होता नजर आ रहा है. रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को करीब 9 साल पहले 2012 में लागू किया गया था. इसके बाद से ही यह नियम लगातार विवादों में घिरा रहा है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) और वोडाफोन (Vodafone) जैसी कंपनियों को इससे सीधा फायदा मिलेगा. हालांकि, टैक्स विवाद में फंसीं इन कंपनियों को वादा करना होगा कि भविष्य में होने वाले किसी भी नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की मांग नहीं करेंगी.
कंपनियों को कार्यवाही वापस लेने का दिलाना होगा भरोसा
रेट्रोस्पेक्टिव विवाद में उलझी कंपनियों को यह भी लिखित में भरोसा दिलाना होगा कि वे किसी भी फोरम में चल रही इससे जुड़ी कानूनी कार्यवाही को वापस लेंगी और भविष्य में कोई नया दावा नहीं करेगी. नोटिफिकेशन में कंपनियों को अपने खिलाफ लंबित मामले को खत्म करने के लिए 30-60 दिन का समय दिया गया है. बता दें कि सरकार ने इस संबंध में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान टैक्सेशन लॉज अमेंडमेंट बिल पास कराया था. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने इस बारे में सभी स्टेकहोल्डर्स से राय ली थी. नोटिफिकेशन के मुताबिक, संबंधित कंपनियां इस टैक्स से जुड़ी सभी कानूनी कार्यवाहियों को वापस लेंगी और भविष्य में भी इसे लेकर भारत या विदेश में किसी कोर्ट या मध्यस्थ के पास नहीं जाएंगी.
टैक्स के तहत चुकाई राशि बिना ब्याज के मिलेगी वापस
कंपनियों की ओर से शर्तों को पूरा करने के बाद सरकार इन कंपनियों की ओर से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के तौर पर चुकाई गई राशि बिना ब्याज के वापस कर देगी. सरकार के इस कदम से केयर्न एनर्जी और वोडाफोन को फायदा होने की उम्मीद है. रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर दोनों कंपनियों और भारत सरकार के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है. दोनों ही कंपनियां इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जीत हासिल कर चुकी हैं.
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