
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने पेंशन नियमों (Pension Rules) को लेकर एक अहम स्पष्टिकरण जारी किया है। सरकार ने कहा है कि किसी भी पेंशनभोगी या सरकारी कर्मचारी (Government employee) को अपनी बेटी का नाम परिवार के विवरण से हटाने की जरूरत नहीं है। पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग ने साफ कहा कि बेटी का नाम परिवार सूची में हमेशा दर्ज रहना चाहिए, भले ही वह पारिवारिक पेंशन की पात्र न हो।
हाल के दिनों में कई दफ्तरों में यह भ्रम फैल गया था कि यदि बेटी विवाहित है या किसी कारणवश फैमिली पेंशन की पात्र नहीं है, तो उसे परिवार सूची से हटा दिया जाना चाहिए। इस पर विभाग ने स्पष्ट किया कि नाम हटाने की प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध है। पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग ने अपने आदेश में कहा कि नियम 50(15) के अनुसार प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को अपनी सेवा के दौरान या रिटायरमें के समय परिवार के सभी सदस्यों के नाम देने होते हैं चाहे वे पारिवारिक पेंशन पाने के पात्र हों या नहीं।
यह स्पष्टीकरण उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जो पहले से किसी सिविल या सैन्य सेवा में कार्यरत रहे हों और बाद में पुनः नियुक्त हुए हों, तथा जिनके लिए नई पेंशन या ग्रेच्युटी देय नहीं है। सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता और रिकॉर्ड की स्पष्टता बनाए रखना है, ताकि बाद में किसी पारिवारिक विवाद या प्रशासनिक उलझन से बचा जा सके। परिवार सूची में सभी सदस्यों के नाम दर्ज होने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भविष्य में कोई भी पात्र सदस्य अपने अधिकार से वंचित न हो।
पात्रता बाद में तय होगी
विभाग ने यह भी कहा कि किसी भी सदस्य की पेंशन की पात्रता का निर्णय केवल पेंशनभोगी के निधन के बाद किया जाएगा। यदि उस समय बेटी नियमानुसार पात्र पाई जाती है, तो उसे पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा। अगर वह पात्र नहीं है, तो नाम सूची में होने के बावजूद पेंशन नहीं दी जाएगी, लेकिन नाम हटाया नहीं जाएगा।
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