
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के छांगुर अवैध धर्मांतरण रैकेट (illegal conversion racket) के मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में पहले से ही आरोपी छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन यूपी एटीएस की रिमांड में हैं। वहीं, आज इस मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार हुआ है। रिमांड के दौरान एटीएस छांगुर और नीतू से पूछताछ कर रही है। इस कई छांगुर धर्मांतरण रैकेट को लेकर कई खुलासे हुए हैं। इसी छांगुर धर्मांतरण रैकेट की एक पीड़िता सामने आई, जिसने इस पूरे रैकेट के काले कारनामे का पर्दाफाश कर दिया है।
एक इंटरव्यू में छांगुर धर्मांतरण रैकेट की पीड़िता ने बताया कि वह 3 महीने बाद भागकर अपने घर पहुंची है। लड़की ने बताया कि मिराज नाम का एक व्यक्ति उसके घर पहुंचा। यहां मिराज ने पीड़िता के पिता को उसकी और दूसरी लड़कियों की अश्लील वीडियो दिखाई। जब पीड़िता के पिता ने मिराज को ये वीडियो डिलीट करने को कहा तो उसने इसके लिए पीड़ित के पिता के सामने एक मांग रखी। मिराज ने पीड़ित के पिता से उनकी छोटी बेटी की शादी खुद से कराने की शर्त रखी। मिराज ने कहा कि अगर ये शर्त मानी जाती है तो वह वीडियो डिलीट कर देगा।
पीड़िता ने बताया कि उसके पिता ने मिराज की शर्त नहीं मानी और उसके सिर पर रॉड से मार दिया। इस वार से मिराज की मौत हो गई। पीड़िता ने बताया कि इसके बाद उसके पिता ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता के अनुसार मिराज के परिवार का तालुक समाजवादी पार्टी से था।
पीड़िता ने कहा कि मिराज परिवार के लोग कई और मुसलमानों के साथ आते हैं। ये लोग उसे और उसके भाई को अदालत पहुंचने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। पीड़िता ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद को बयान देने के बाद उन्हें मिलने वाली धमकियां और बढ़ गई हैं। उसके माता-पिता को झूठे मामले में फंसा कर जेल भेज दिया गया है। पीड़िता ने यह भी बताया कि अगर मिराज के मोबाइल का डेटा रिकॉर्ड निकाला जाए तो उसका पर्दाफाश हो सकता है।
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