
भोपाल। राजधानी में पिछले पांच दिन से गहराए जल संकट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहद नाराज हैं। मुख्यमंत्री की नाराजगी की वजह से निगम में जलकार्य विभाग से जुड़े इंजीनियर एवं अन्य अफसरों पर गाज गिर सकती है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार नगर निगम भोपाल में पिछले कई सालों से जल कार्य का काम देख रहे चीफ इंजीनियर एआर पंवार को तीसरी बार संविदा नियुक्ति नहीं मिलेगी। उनकी संविदा नियुक्ति का कार्यकाल इसी साल समाप्त हो रहा है। हालांकि सरकार के ताकतवर मंत्री पवार को बचाने के लिए जुट गए हैं।
अफसरों पर गिरेगी गाज
भोपाल नगर निगम में पंवार से पहले अन्य अफसरेां पर भी गाज गिर सकती है। क्योंकि अफसरों ने बिना किसी अनुभव के भीषण गर्मी में जलापूर्ति बंद करने का फैसला लिया था। भोपाल में गहराते जल संकट को लेकर मंत्रालय में मंथन हेा चुका है। मुख्यमंत्री ने अफसरों की रिपोर्ट पर भरोसा न करते हुए सीधे जनप्रतिनिधियों से फीडबैक लिया है। सूत्र बताते हैं कि अन्य अफसरों की भी जिम्मेदारी तय हो सकती है।
पीएम आवास योजना के भी प्रभारी हैं पवार
दरअसल, दो साल पहले नगर निगम में कार्यपालन यंत्री पद से रिटायर्ड हुए एआर पंवार को सरकार ने दो पद ऊपर मुख्य अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति दी थी। नगर निगम में पंवार जल कार्य के साथ-साथ हजारों करोड़ रुपए के पीएम आवास योजना के प्रोजेक्ट भी देख रहे हैं। जबकि पंवार को बिल्डिंग बनाने का कोई अनुभव नहीं है। खास बात यह हैं कि अभी तक भोपाल नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना का एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। ज्यादातर प्रोजेक्ट में पीएम आवास के हितग्राहियों को बिल्ंिडग पूरी होने से पहले ही आवंटन कर दिया है। कुछ आवासीय प्रोजेक्ट में बिल्डिंग का ढंाचा खड़ा होने से पहले ही हवा में आवास आवंटित कर दिए। पीएम आवास योजना में फिसड्डी होने से पीएमओ भी नाराज है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved