
इंदौर। कल मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर पीएमश्री पर्यटन हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की जा रही है और इसके लिए पहली उड़ान भोपाल से उज्जैन के बीच होगी, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इंदौर, मांडव, ओंकारेश्वर, भोपाल के बीच भी ये हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध रहेगी। नवंबर माह से ही श्रद्धालुओं-पर्यटकों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी। नर्मदापुरम जिले में स्थित पचमढ़ी, तामिया, खजुराहो, जबलपुर, कान्हा, पेंच, पन्ना जैसे राष्ट्रीय उद्यानों तक पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए भी ये हेलिकॉप्टर चलेंगे। शासन की मंशा है कि प्रदेश के सभी प्रमुख स्थलों तक हवाई आवागमन सुगम हो सके। कल राजा भोज एयरपोर्ट से इस सेवा का शुभारंभ हो रहा है, जिसमें केंद्रीय नागर विमानन मंत्री और केंद्रीय विधि और न्याय राज्यमंत्री, पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक मंत्री सहित अन्य मौजूद रहेंगे।
प्रदेश सरकार ने इस हेलिकॉप्टर सेवा संचालन के लिए सेक्टर वाइज अनुबंध किए हैं। सेक्टर-1 में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, सेक्टर-2 में भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, सेक्टर-3 में जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा रहेंगे। वहीं सेक्टर-1 में मेसर्स ट्रांस भारत एविएशन और सेक्टर-2 और 3 में मेसर्स जेट सर्व एविएशन प्रालि के साथ तीन साल का अनुबंध किया है। प्रत्येक सेक्टर में कम से कम 6 यात्री सीटों वाले हेलिकॉप्टर उड़ेंगे और मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने पीपीपी मॉडल पर इसकी शुरुआत की है। हेलिकॉप्टर सेवा का नियमित संचालन 20 नवंबर से शुरू होगा और कल स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री इस सेवा का शुभारंभ करेंगे। भोपाल से उज्जैन के बीच सांकेतिक शुरुआत होगी और फिर नवंबर माह से ही पर्यटकों और धार्मिक श्रद्धालुओं को ये सेवा मिलने लगेगी। हालांकि यह कुछ समय बाद पता चलेगा कि इस हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग कितने लोग करते हैं। इसी के साथ हवाई सेवाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
फिलहाल प्रदेश में 8 एयरपोर्ट और 230 हेलीपैड हैं और उज्जैन में 9वें एयरपोर्ट को तैयार किया जा रहा है। पिछले दिनों शासन ने निजी टाउनशिप, होटल, हॉस्पिटल या अन्य क्षेत्रों में भी हेलीपैड बनाए जाने की मंजूरी दी और यहां तक कि एआईसीटीएसएल ने भी हेलिकॉप्टर सेवाएं शुरू करने का निर्णय अपनी बोर्ड बैठक में लिया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थ स्थल, बड़े मंदिर, राष्ट्रीय उद्यान और अन्य पर्यटन स्थलों को हवाई सेवाओं से जोड़ा जाए। चूंकि सभी जगह एयरपोर्ट नहीं है और न ही हवाई जहाज उड़ सकते हैं, इसलिए हेलिकॉप्टर सेवा ली जा रही है, जिसके लिए अधिकांश जिलों में हेलीपैड पहले से ही बने हैं और इस सेवा के चलते नए हेलीपैड भी निर्मित किए जा रहे हैं। सेक्टर-1 के लिए मेसर्स ट्रांस भारत एविएशन को जो जिम्मेदारी दी है, उसमें इंदौर के साथ-साथ आलीराजपुर, भोपाल, बड़वानी, ओंकारेश्वर, मांडव, महेश्वर, गांधी सागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगोन, रतलाम, झाबुआ, जबलपुर, उज्जैन सहित अन्य क्षेत्रों तक आवागमन सुगम होगा। इसी तरह भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ओरछा, गुना, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, टीकमगढ़ को भी सेक्टर-2में जोड़ा गया है। इसी तरह सेक्टर-3 में चित्रकूट, जबलपुर, बांधवगढ़, खजुराहो, अमरकंटक, मंडला, पेंच, डिंडौरी के साथ भोपाल और इंदौर को भी शामिल किया गया है।
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