
इंदौर। प्रदेश को तकनीक, नवाचार और निवेश का वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ इंदौर में ‘मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0’ का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्यक्रम में प्रदेश के तकनीकी भविष्य का एक स्पष्ट रोडमैप पेश करते हुए कहा कि राज्य टियर-2 शहरों में होने वाली तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में उद्योग जगत के कई दिग्गज शामिल हुए। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के अगले चरण की रूपरेखा तैयार करना और विकास की एक नई कहानी लिखना है।
उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ आमने-सामने बैठकें कीं। इन बैठकों में प्रदेश में निवेश की संभावनाओं और सहयोग के नए अवसरों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को प्रदेश में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
उज्जैन बनेगा स्पेस इनोवेशन हब
इस प्रतिष्ठित आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण ‘मध्यप्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ के ड्राफ्ट की प्रस्तुति रही। इस नीति का महत्वाकांक्षी लक्ष्य उज्जैन को भारत के एक उभरते हुए अंतरिक्ष नवाचार केंद्र (Space Innovation Hub) के रूप में स्थापित करना है। यह कदम उज्जैन की सदियों पुरानी खगोलीय विरासत को आधुनिक अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से जोड़ेगा।
यह ड्राफ्ट राष्ट्रीय अंतरिक्ष सुधारों के तहत IN-SPACE के दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है। इसका एक प्रमुख उद्देश्य सैटेलाइट डिजाइन और प्रक्षेपण सेवाओं (Launch Services) जैसे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करना है, जिससे प्रदेश में एक नए इकोसिस्टम का निर्माण हो सके।
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