नई दिल्ली (New Delhi) । टिकटॉक, स्नैपचैट, मेटा (TikTok, Snapchat, Meta) और अन्य प्रमुख टेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक ट्रेड ग्रुप (trade group) ने एक कानून को लेकर ओहियो पर मुकदमा दायर किया है। इस कानून के तहत बच्चों को सोशल मीडिया एप का इस्तेमाल करने के लिए माता-पिता की सहमति लेने की आवश्यकता होती है।
यह कानून 86.1 बिलियन डॉलर वाले राज्य के बजट बिल का हिस्सा था जिस पर रिपब्लिकन गवर्नर माइक डेविन ने जुलाई में हस्ताक्षर करके कानून बनाया था। यह 15 जनवरी 2024 से प्रभावी होने वाला है। प्रशासन ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस कानून को तैयार किया है।
रिपब्लिकन लेफ्टिनेंट गवर्नर जॉन हस्टेड ने कानून पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया एक नशे की लत की तरह है और बच्चों के लिए हानिकारक है।
कानून में सोशल मीडिया कंपनियों को माता-पिता को अपने गोपनीयता दिशानिर्देश प्रदान करने की भी आवश्यकता है, ताकि परिवार जान सकें कि उनके बच्चे की प्रोफ़ाइल पर कौन सी सामग्री सेंसर या मॉडरेट की जाएगी। इस समूह ने कैलिफोर्निया और अर्कांसस में इसी तरह के प्रतिबंधों के खिलाफ मुकदमे जीते हैं।
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