
नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) में लाल किले (Red Fort) के पास हुए बम धमाके में कुछ डॉक्टरों (doctors) की संलिप्तता की जानकारी सामने आने के बाद कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी की मान्यता तक रद्द कर दी गई है। इस सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी (Congress leader Rashid Alvi) ने उन डॉक्टरों का बचाव किया है। उन्होंने इसके उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किए हैं। राशिद अल्वी ने कहा, ‘वो पढ़ा-लिखा नौजवान जिसने एमबीबीएस और एमडी किया है, वे आतंक का रास्ता क्यों अपना रहा है? वह आराम से अपनी कोठी में रह सकता है। आराम से अपने परिवार के साथ पूरी जिंदगी बिता सकता है।’
राशिद अल्वी ने सवाल पूछा कि, किन हालातों ने उन्होंने मजबूर कर दिया कि वे बमों से खेलने लगे? मोदी साहब यह जिम्मेदारी आपकी है कि आप इन बातों पर विचार करें।’
आपको यह भी बता दें कि दिल्ली में लाल किले के पास हाल ही में हुए कार विस्फोट और इसके अलावा ‘सफेदपोश’ आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किए जाने के संबंध में कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। वहीं फरीदाबाद पुलिस ने अल फलाह विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच के लिए अलग विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अल फलाह विश्वविद्यालय के कई चिकित्सकों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियों ने पूछताछ के लिए एक कैब चालक, एक धर्मगुरु और एक उर्दू शिक्षक को हिरासत में लिया है। एसआईटी में दो सहायक पुलिस आयुक्त, एक निरीक्षक और दो उप निरीक्षक हैं। यह विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ऐसे समय में गठित की गई है जब पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने मंगलवार को अल फलाह विश्वविद्यालय का दौरा करने के बाद कहा था कि पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को खुद उस जगह का दौरा करना चाहिए।
जांच का दायरा बढ़ने के साथ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को इंडियन मुजाहिदीन के भगोड़े आतंकवादी और अल फलाह विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र मिर्जा शादाब बेग के बारे में एक नया सुराग मिला है। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बेग 2007 में अल फलाह विश्वविद्यालय में छात्र था, जब यह एक इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था। उन्होंने बताया कि 2014 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।
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