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कांग्रेस लीडरशिप ने पराजय को अपनी नियती मान ली, कपिल सिब्बल का सोनिया-राहुल पर बड़ा हमला


नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने बिहार चुनाव में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बहाने शीर्ष नेतृत्व पर करारा हमला बोला है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियती मान ली है। इससे पहले बिहार कांग्रेस के बड़े नेता तारीक अनवर ने भी कहा कि बिहार चुनाव परिणाम पर पार्टी के अंदर मंथन होना चाहिए। उधर, आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इशारों-इशारों में कह दिया कि कांग्रेस देशभर में अपने गठबंधन सहयोगियों पर बोझ बनती जा रही है और उसकी वजह से हर जगह गठबंधन का खेल खराब हो रहा है।

अब सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘बिहार (चुनाव) और उपचुनावों में हालिया प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी (के शीर्ष नेतृत्व) के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता हो कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए।’ सिब्बल से सवाल था कि क्या आपको लगता है कि कांग्रेस लीडरशिप एक और हार को सामान्य घटना मान रही है? उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता। मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को कुछ कहते नहीं सुना। इसलिए मुझे नहीं पता। मुझ तक सिर्फ नेतृत्व के ईर्द-गीर्द के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।’

सिब्बल ने इससे पहले कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों रिजल्ट से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बिहार में विकल्प तो आरजेडी ही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2% से भी कम वोट आए। गुजरात में हमारे तीन प्रत्याशियों के जमानत जब्त हो गए। इसलिए दीवार पर इबारत लिखी हुई है।’

उन्होंने तारीक अनवर के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि एक सहयोगी ने कांग्रेस के अंदर मंथन की उम्मीद जताई। सिब्बल ने कहा, ‘अगर छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद कैसे करें? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता है। हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है। कांग्रेस पार्टी भी जानती है, लेकिन वो इन समाधान को अपनाने से कतराते हैं। अगर वो ऐसा करते रहेंगे को ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा। यह कांग्रेस की दुर्दशा की स्थिति है जिससे हम सब चिंतित हैं।’

सिब्बल से जब पूछा गया कि आखिरी जब कांग्रेस को समाधान पता है तो इसका शीर्ष नेतृत्व इसे अपनाने से क्यों हिचकती है? इस सवाल पर उन्होंने बिना लाग-लपेट कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सीडब्ल्यूसी के सदस्य नॉमिनेटेड हैं। सीडब्ल्यूसी को कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक लोकतांत्रिक बनाना होगा। आप नामित सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि आखिर कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव कमजोर क्यों होती जा रही है।

ध्यान रहे कि कपिल सिब्बल उन 24 दिग्गज कांग्रेसियों में शामिल हैं जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और जिस पर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की पिछली बैठक में जमकर बवाल हुआ था। अगस्त महीने में हुई सीडब्ल्यूसी की मीटिंग के दौरान यह बात लीक हुई कि राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को बीजेपी का सहयोगी बता दिया।

इस पर सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं, कांग्रेस पार्टी का बचाव करते हुए हम राजस्थान हाईकोर्ट में सफल हुए, मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को नीचे करते हुए कांग्रेस पार्टी को बचाया, पिछले 30 साल में किसी भी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया, लेकिन, हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं।’ हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए अपना बयान वापस ले लिया कि इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व की तरफ से स्थिति स्पष्ट की गई और कहा गया कि राहुल ने ऐसा कुछ नहीं कहा।

 

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