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45 करोड़ में अमीरों की चार अवैध कॉलोनियां वैध करेगा निगम

September 09, 2023

  • शासन की मंजूरी के बाद शुरू की प्रक्रिया… सम्पद, रॉयल एवेन्यू जैसी अन्य एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों का रास्ता खुला, 165 रुपए स्क्वेयर फीट लेंगे विकास शुल्क

इन्दौर (Indore)। नगर निगम सामान्य जनता की तो अवैध कॉलोनियों को वैध करने में जुटा ही है। हालांकि उसमें भी ग्रीन बेल्ट, नजूल, प्राधिकरण की योजनाओं सहित कई तमाम झंझटें भी हैं, वहीं पिछले दिनों शासन ने खसरों पर काबिज अमीरों की बड़े-बड़े भूखंडों की अवैध कॉलोनियों को भी वैध करने की अनुमति दे दी थी। बिचौलीमर्दाना, कनाडिय़ा के कुछ विशेष क्षेत्रों में एक-एक एकड़ के बड़े-बड़े भूखंडों पर भी ये कॉलोनियां बनी हैं, वहीं अन्य कॉलोनियों में 4 हजार से लेकर 10 हजार या उससे अधिक आकार के भूखंडों पर विशालकाय बंगले बने हैं। अब निगम ने चार ऐसी अमीरों की कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की है और 165 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट के मान से 27 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन पर काबिज इन कॉलोनियों को वैध करेंगे और बदले में लगभग 45 करोड़ रुपए की राशि विकास शुल्क के लिए जमा होगी।

नगर निगम ने लगभग 125 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया तो की है, वहीं अभी अन्य कॉलोनियां प्राधिकरण की एनओसी ना मिलने के साथ अन्य मापदण्डों पर खरी ना उतर पाने के चलते अवैध की सूची में ही है। दूसरी तरफ खसरों पर बनी अमीरों की कॉलोनियों को भी वैध किया जा रहा है। खेती की जमीनों पर बड़े-बड़े भूखंड काटकर ये कॉलोनियां पंचायतों से अनुमति लेकर विकसित हुई और अब चूंकि निगम सीमा में आ गई हैं, लिहाजा 150 रुपए स्क्वेयर फीट विकास शुल्क और 15 रुपए स्क्वेयर फीट नर्मदा केपिटल फंड यानि 165 रुपए का शुल्क लेकर इन कॉलोनियों को भी वैध किया जाएगा। बढिय़ा कीमा, बिचौलीहप्सी, कनाडिय़ा रोड से लेकर बायपास में ऐसी बड़ी कॉलोनियां अधिक है। शासन आदेश के बाद अभी पिछले दिनों निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने इन कॉलोनियों को भी वैध करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। लिहाजा अपर आयुक्त कॉलोनी सेल ने सम्पत फॉर्म, सम्पत विहार, रॉयल एवेन्यू और सम्पत एवेन्यू इन चार कॉलोनियों के ले-आउट प्रारूप को अंतिम रूप देकर सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन किया है।

बिचौलीमर्दाना की इन चारों कॉलोनियों का क्षेत्रफल कुल 27 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक है और 165 रुपए के मान से लगभग 45 करोड़ रुपए की राशि बड़े-बड़े बंगले के मालिकों द्वारा जमा कराई जाएगी। पिछले दिनों नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने नगर निगम को खसरों पर काबिज इन अवैध कॉलोनियों में भी नागरिक अधोसंरचना प्रदाय किए जाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। हालांकि कई दिनों तक निगमायुक्त ने इन बड़ी कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की फाइल आगे नहीं बढ़ाई। दरअसल पूर्व में प्रशासन ने ऑपरेशन भूमाफिया के चलते इस तरह की कुछ चर्चित कॉलोनियों को अवैध करार दिया था। हालांकि सूत्रों का कहना है कि प्रगति विहार जैसी कॉलोनियों के संबंध में शासन के समक्ष अपील भी की गई है, जिसमें प्रशासन और निगम द्वारा इन कॉलोनियों को अवैध घोषित की गई कार्रवाई को चुनौती दी गई है। लिहाजा अभी निगम ने ऐसी कॉलोनियों को नियमितिकरण के दायरे से बाहर रखा है। मगर एक दर्जन से अधिक अन्य कॉलोनियां अवश्य वैध की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया इन चार कॉलोनियों से शुरू की जा रही है।

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