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बुजुर्ग महिला का साहस: साड़ी से गर्दन कस मार डाला, सियार से लड़ते-लड़ते बेहोश

September 11, 2025

शिवपुरी। शिवपुरी (Shivpuri) में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला पर सियार ने अचानक हमला कर दिया। महिला 30 मिनट तक सियार से लड़ती रही। उन्होंने जान बचाने के लिए अपनी साड़ी का फंदा बनाया और सियार (Jackal) का जबड़ा पकड़कर उसके गले में कस दिया। इस दौरान सियार लगातार हमला करता रहा। बुजुर्ग महिला ने फंदे को तब तक खींचकर रखा जब तक सियार ने दम नहीं तोड़ दिया। बुजुर्ग महिला सियार से लड़ते लड़ते बेहोश तक हो गईं। उन्हें गांव वालों ने देखा तो अस्पताल पहुंचाया। उनको करीब 6 घंटे बाद अस्पताल में होश आया।



सियार ने महिला के शरीर पर 18 जगह काटा है। जिला अस्पताल में भर्ती सूरजिया बाई जाटव बदरवास थाना क्षेत्र के बरखाड़ी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि परिवार खेती करता है। घर पर मवेशी हैं उनके लिए हर दिन घास लानी होती है। मैं खेत में घास काट रही थी, इसी दौरान पुलिया की ओर से कुछ आवाज आई। मैं कुछ समझ पाती इससे पहले एक सियार ने मुझ पर हमला बोल दिया।

सूरजिया बाई जाटव ने बताया कि अचानक हुए इस हमले से मैं जमीन पर गिर गई। सियार ने मुझे काटना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने मेरे पैरों पर दांत गड़ाए। मैं दर्द के मारे चीख उठी, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया क्योंकि खेत के आसपास कोई नहीं था। मेरे चीखते ही सियार और ज्यादा हमलावर हो गया। वह हाथ पर काटने लगा। मौत सामने दिखने लगी। सियार मुझे नोंच रहा था।



कुछ देर में तय किया कि मरना तय है तो एक बार लडूं। मैंने हिम्मत जुटाई और दोनों हाथों से सियार के जबड़े पकड़ लिए। वह थोड़ा कमजोर पड़ा तो मैं तेजी से पलटी मारकर उसके ऊपर बैठ गई। सियार को संभालना मुश्किल हो रहा था। मैंने उसके जबड़ों को अलग अलग दिशा में खींचना शुरू कर दिया। लगातार जबड़े खींचने से खून आने लगा, वह घायल हुआ तो हमला करना कम किया।

सूरजिया बाई जाटव ने बताया कि मैं उससे लड़ तो रही थी, लेकिन मैं भी थकने लगी थी। करीब 20 मिनट बीत गए थे। उसे मारूं कैसे, यह समझ नहीं आ रहा था क्योंकि उसे नहीं मारती तो वह मुझे मार देता। मेरे दिमाग में आया कि फंदे से इसका गला कस दूं। मैंने तत्काल अपनी साड़ी निकालना शुरू की। एक हाथ से पकड़ कमजोर होने पर वह मुझ पर हावी होने लगा। वह फिर से हमला करता उससे पहले ही मैं उसके ऊपर बैठकर साड़ी निकाल दी।

सूरजिया बाई ने कहा कि जैसे तैसे फंदा बनाया और उसके गले पर डाल दिया। मैं तब तक फंदे को कसी रही जब तक सियार ने दम नहीं तोड़ दिया। सूरजिया के पोते देवेंद्र जाटव का कहना है कि घटना की सूचना मिलते ही परिवार लोग मौके पर पहुंचे। दादी बेहोश थीं, उनके हाथ पैर खून से लथपथ थे। पास ही सियार मृत पड़ा था, जिसके गले में दादी की साड़ी का फंदा था।

देवेंद्र जाटव ने बताया कि आनन-फानन में एम्बुलेंस मंगाई गई। दादी को तत्काल बदरवास स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। आधी रात को उन्हें होश आया, तब परिवार ने राहत की सांस ली। डॉक्टरों ने कहा कि सियार के हमले में सूरजिया को कई गंभीर चोटें आई हैं। उनका इलाज जारी है। हम उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं।

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