
रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने बस्तर के CAF के जवान रूपेश कुमार पुरी (Jawan Rupesh Kumar Puri) को रेप (Rape) के आरोप से बरी कर दिया है. न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी की पीठ ने फास्ट ट्रैक कोर्ट बस्तर (जगदलपुर) की ओर से 21 फरवरी 2022 को सुनाई गई 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये के जुर्माने के आदेश को निरस्त कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह मामला जबरन यौन शोषण (Sexual Exploitation) का नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और सहमति का है.
रूपेश कुमार पुरी बस्तर जिले का रहने वाला है. वर्ष 2020 में एक युवती ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप था कि रूपेश ने शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए और दो महीने तक अपने घर में रखा. बाद में उसने धमकाकर निकाल दिया और शादी से इनकार कर दिया. युवती की शादी किसी अन्य युवक से तय थी, लेकिन घटना से एक दिन पहले 27 जून 2020 को वह रूपेश के साथ चली गई थी. इस पर पुलिस ने रूपेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(2)(एन) के तहत केस दर्ज किया था.
सजा के खिलाफ रूपेश ने हाईकोर्ट में अपील दायर की. उसके वकील ने दलील दी कि आरोपी और पीड़िता एक ही गांव के रहने वाले हैं और 2013 से उनके बीच प्रेम संबंध था. पहले भी युवती ने रूपेश पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था, जिसमें वह बरी हो चुका था. इसके बाद दोनों ने फिर से संपर्क बनाए और युवती अपनी मर्जी से उसके घर गई थी. वकील का कहना था कि यह मामला आपसी सहमति का है, न कि झूठे विवाह वादे पर आधारित दुष्कर्म का. उन्होंने बताया कि आरोपी CAF में पदस्थ था और ड्यूटी पर रहने के दौरान दोनों परिवारों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद दबाव में आकर युवती ने एफआईआर दर्ज कराई.
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