
लंदन: ब्रिटेन ( Britain) में रहने वाले भारतीय समुदाय (Indian community) के मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर कोविड-19 का सबसे बुरा असर पड़ा है. भारतीय पहचान वाले लोगों में, 2019 से अप्रैल में लॉकडाउन के शुरुआती चरणों के बीच नींद से संबंधित समस्याएं ज्यादा सामने आईं. सिर्फ इंग्लैंड में एक हजार पांच भारतीय समुदाय के लोगों की मौत हो गई. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (ओएनएस) के आधिकारिक सांख्यिकीय अध्ययन में भारतीय समुदाय के लोगों की स्थिति का खुलासा हुआ है.
इस सप्ताह जारी हुए आंकड़ों में पाया गया कि ब्रिटेन में लॉकडाउन के शुरू में सभी समुदाय के लोगों को नींद से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा. हालांकि, उम्र के हिसाब से वर्गीकरण करने के बाद पाया गया कि भारतीय समुदाय के एक तिहाई (36 प्रतिशत) लोगों में समस्या प्रमुख रही. इसकी तुलना में ‘श्वेत ब्रिटिश’ (23 प्रतिशत) और ‘अन्य श्वेत’ (18 प्रतिशत) लोगों में मानसिक समस्याएं देखने को मिलीं. अध्ययन में पहले से मौजूद स्थिति जैसे डायबिटीज और दिल की बीमारी, आर्थिक-सामाजिक फैक्टर पर भी प्रकाश डाला गया है.
‘सस्टेनेबिलिटी एंड इनक्वालिटी डिवीजन’ के उप निदेशक ग्लेन एवरेट ने कहा, “नए रिसर्च से हमें पता चला है कि किस प्रकार विभिन्न सामुदायिक समूहों पर पड़ने वाला प्रभाव परिवर्तित हुआ और महामारी से पहले की लोगों की परिस्थितियों में लॉकडाउन के दौरान उनका अनुभव कैसा रहा.” उन्होंने बताया कि महामारी से पहले काले अफ्रीकी और अन्य ऐसे घरों में वित्तीय लचीलापन कम था. इससे पता चलता है कि इन समूहों को लॉकडाउन के दौरान वित्तीय दिक्कतें पेश आई होंगी. उन्होंने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ज्यादातर लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हुआ लेकिन यह मामला भारतीय समुदाय में ज्यादा देखा गया.
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