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DCGI ने दी कोलचीसीन के क्लीनिकल परीक्षण को मंजूरी, हृदय रोगियों के लिए कारगर

नई दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने सीएसआईआर और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को कोविड-19 मरीजों पर कोलचीसीन दवा के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है। शनिवार को जारी एक बयान में उक्त जानकारी दी गई। सीएसआईआर के महानिदेशक के सलाहकार राम विश्वकर्मा ने बताया कि सामान्य देखभाल/इलाज के साथ कोलचीसीन का उपयोग हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों के लिए मददगार साबित होगा और यह प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करके जल्दी संक्रमण मुक्त होने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हुए कई अध्ययनों से इसकी पुष्टि हुई है कि हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों को जान को खतरा है। इससे काफी लोगों की मौत हो रही है। इसलिए नई दवा की जरुरत है।  बयान के अनुसार वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद) को डीसीजीआई ने कोविड-19 मरीजों के इलाज में कोलचीसीन दवा के उपयोग के प्रभाव और सुरक्षा के संबंध में दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी दे दी है।


यह हैं परीक्षण में साझेदार
इस महत्वपूर्ण क्लीनिकल परीक्षण में साझेदार हैं सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी, हैदराबाद) और सीएसआईआर-भारतीय समवेत औषध संस्थान (आईआईआईएम, जम्मू)। आईआईसीटी के निदेशक एस. चंद्रशेखर ने कहा कि भारत इस महत्वपूर्ण दवा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और अगर यह सफल रहती है तो मरीजों को यह (कोलचीसीन दवा) किफायती दाम पर उपलब्ध कराई जाएगी।

आठ से दस सप्ताह में होगा परीक्षण
लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राम उपाध्याय ने बताया कि देश में विभिन्न जगहों पर मरीजों के पंजीकरण का काम शुरू हो गया है और परीक्षण 8 से 10 सप्ताह में समाप्त होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि परीक्षण के परिणाम और नियामक संस्था से मंजूरी के आधार पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह दवा उपलब्ध कराई जाएगी।

सीएसआईआर ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उसने लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए एंटी-हेलमिंथिक दवा (परजीवियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाई) निकलोसमाइड का दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है।

पहले बच्चों व वयस्कों में टेपवर्म के लिए हुआ इस्तेमाल
सीएसआईआर ने कहा कि निकलोसमाइड दवा का अतीत में बच्चों और वयस्कों दोनों में टेपवर्म के इलाज में खूब इस्तेमाल हुआ है। समय-समय पर इस दवा के सुरक्षित होने की जांच हुई है और अलग-अलग डोज में भी यह लोगों के सेवन के लिए सुरक्षित है।

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