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DCGI वीजी सोमानी ने 4.15 घंटे में जारी कर दिया था प्लाज्मा थेरेपी प्रोटोकॉल, जानिए वजह

नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो चुकी है। देश में एक साथ कोरोना की दो वैक्सीन को मंजूरी देने वाले डॉ. वेणुगोपाल गिरधारीलाल सोमानी के बारे में कम ही लोग जानते हैं। डॉ. सोमानी की छवि अपने साथियों के बीच टास्कमास्टर और मैन ऑफ एक्शन की है। सोमानी बोलने से अधिक काम करने में विश्वास रखते हैं। काम के प्रति सोमानी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने महज 4.15 घंटे में ही देश में कोरोना रोगियों के प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रोटोकॉल जारी कर दिया था।

रात को ही भेज दिया था प्रोटोकॉल संबंधी डॉक्यूमेंट : डॉ. सोमानी के साथ 20 साल काम कर चुके गुजरात के फूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर एचजी कोशिया बताते हैं कि एक पेशेंट को बचाने के लिए कोविड-19 रोगी से कन्वेलेसेंट ब्लड प्लाज्मा का प्रयोग किए जाने की जरूरत थी। इस संबंध में सरकार की तरफ से प्रोसेस संबंधी कोई प्रोटोकॉल नहीं था। कोशिया ने बताया कि मैंने शाम 5.30 बजे डॉ. सोमानी को फोन किया और कहा कि मुझे इस संबंध में मार्गदर्शन चाहिए। उसी दिन रात 9.45 मिनट पर डीजीसीआई ऑफिस की तरफ से एक 10 पेज का डॉक्यूमेंट आया जिसमें प्रोटोकॉल की डिटेल्स थी। कोशिया ने बताया कि अगली सुबह हम डॉक्टर्स को गाइड कर सके और डोनर से संबंधित प्रोटोकॉल के बाद एक जिंदगी को बचाया जा सका।

निर्णय लेने में नहीं करते देरी : डॉ. सोमानी के साथ काम करने वाले लोग बताते हैं कि यदि वह किसी चीज के बारे में आश्वस्त हैं तो वह उस मुद्दे पर एक दिन के भीतर ही निर्णय ले लेते हैं। इस बात से मेडिकल डिवाइसेज बनाने एक मेकर भी भी सहमति जताते हैं। उन्होंने बताया भी यदि मुद्दा लॉ या हेल्थ मिनिस्ट्री से जुड़ा ना तो हो तो डीसीजीआई की तरफ से तेजी से फैसला लिया जाता है।

दो साल पहले हुई डीजीसीआई के रूप में नियुक्ति : डॉ. सोमानी ने सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेश में काम किया। इसके बाद वह जॉइंट ड्रग कंट्रोलर के रूप में दिल्ली आ गए। डॉ. सोमानी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (भारत) के रूप में नवंबर 2011 से फरवरी 2012 तक कार्य किया। नागपुर यूनिवर्सिटी से फार्मास्यूटिक्स साइंस में पीएचडी कर चुके डॉ. सोमानी ने मुंबई, अहमदाबाद और कोलकाता में भी काम किया है। करीब दो साल पहले उनकी नियुक्ति डीजीसीआई के रूप में हुई। डॉ. सोमानी के सहयोगी बताते हैं कि वैक्सीन की मंजूरी देने से पहले वह दुनियाभर के एक्सपर्ट के साथ चर्चा की थी।

3 जनवरी को दी थी वैक्सीन को मंजूरी : 3 जनवरी को DCGI ने देश में कोरोना की दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अनुमति दी थी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी ने बताया था कि 2 जनवरी को सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की सिफारिश की गई। ये वैक्सीन सीरम इंस्टिट्यूट (SII) की कोविशील्ड (Covishield)और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) थी।

सुरक्षा को लेकर जरा भी शंका होती तो नहीं देते अनुमति : वीजी सोमानी ने कहा था कि दोनों वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित है। उनका कहना था कि अगर वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर जरा भी शंका होती तो वे इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते। सोमानी का कहना था कि वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, सरदर्द, एलर्जी जैसी मामूली दिक्कतें हो सकती है।

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